उमा भारती के करीबी रहे रामगोपाल भी टीम में
केन्द्रीय मंत्री उमाभारती के करीबी रहे रामगोपाल सिंह राजपूत को चुनाव प्रचार अभियान समिति में जगह मिली है। पूर्व में ये भाजपा में और उमाभारती के साथ भाजश में भी रहे हैं। अब वे सिंधिया खेमे के माने जाते हैं। कमेटी की कमान ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास ही है। इसी समिति में अरुण यादव को सदस्य बनाया गया है। कांतिलाल भूरिया, विवेक तन्खा, आरिफ अकील, शोभा ओझा सहित 15 लोग इसमें हैं।
पूर्व मंत्री हजारी लाल रघुवंशी इसके अध्यक्ष हैं। पहले भी ये इस समिति की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं, लेकिन उस दौरान अनुशासनहीनता के मामले अधिक सामने आए। इनके बयान भी सुर्खियों में रहे। अरुण यादव के कार्यकाल में इस कमेटी के अध्यक्ष रहे चंद्रप्रभाष शेखर इस बार समिति के उपाध्यक्ष हैं। शेखर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी हैं। उम्मीद की जा रही है कि शायद इस बार अनुशासनहीनता करने वालों पर नकेल डल सकेगी।
कुशल रणनीतिकार दिग्विजय सिंह इस कमेटी के अध्यक्ष बनाए हैं। 10 साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय की वरिष्ठता और अनुभव को देखते हुए इस महत्वपूर्ण कमेटी की जिम्मेदारी मिली है। कुल 13 सदस्यीय समिति में दिग्विजय के धुर विरोधी रहे सत्यव्रत चतुर्वेदी भी शामिल हैं। भोपाल की पूर्व महापौर विभा पटेल और सुनील सूद को इसमें शामिल किए जाने का मतलब यही है कि अब इनकी विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारी खत्म हो गई है।
व्यापमं महाघोटाले के आरोपी का भाई शामिल
चुनाव रणनीति की कमेटी की कमान पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी को मिली है। वर्ष 2008 के चुनाव में वे प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी थे। पचौरी के बारे में कहा जाता है वे आज तक कोई चुनाव नहीं जीत सके। अब इनकी अध्यक्षता वाली कमेटी वर्ष 2018 के चुनाव जीतने की रणनीति बनाएगी। इस समिति में सिंधिया और कांतिलाल भूरिया के खेमे के लोगों को भी मौका मिला है। इसमें पूर्व पार्षद प्रवीण सक्सेना को भी शामिल किया गया है। प्रवीण व्यापमं घोटाले के आरोपी संजीव सक्सेना के भाई हैं।
घोषणा पत्र समिति में पार्टी ने योग्यता को महत्व दिया है। विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र सिंह कमेटी के अध्यक्ष, जबकि पूर्व महाधिवक्ता एवं राज्यसभा सांसद विवेक तनखा, पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन उपाध्यक्ष बनाई गई हैं। पूर्व मंत्री नरेन्द्र नाहटा इसमें संयोजक होंगे।
प्रदेश कांग्रेस ने गुरुवार को 20 जिलाध्यक्ष भी बदल दिए। भोपाल शहर की कामन कैलाश मिश्रा और ग्रामीण की अरुण श्रीवास्तव को दी गई है। शहर की जिम्मेदारी अभी पीसी शर्मा संभाल रहे हैं। चुनाव लडऩे के इच्छुक शर्मा इस जिम्मेदारी से मुक्ति मांगी थी। मिश्रा की विधानसभा टिकट की दावेदारी खटाई में पड़ती दिख रही है।