पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा है कि सांसद, पूर्व सीएम स्वर्गीय द्वाराका प्रसाद मिश्र राजनीतिक और प्रशासनिक कौशल के लिए जाने जाते थे। उन्होंने कहा था कि सांप्रदायिक दंगा, प्रशासन और सरकार के बिना मिलीभगत के नहीं हो सकता। दिग्विजय सिंह ने उनके कथन को कोट करते हुए लिखा है कि हम जो 2020 में दिल्ली में देख रहे हैं, यह 2002 में गुजरात में भी देखा था। यह बहुत ही दुखद है।
दिग्विजय सिंह ने आगे लिखा कि मध्यप्रदेश में हमारे दस साल के शासनकाल के दौरान एक भी सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ। मैंने हिंसा करने वाले हर व्यक्ति पर कठोर कार्रवाई की, चाहे वह किसी भी धर्म का क्यों न हो। चाहे वो आरएसएस, वीएचपी, बजरंग दल या सिमी या कोई अन्य इस्लामिक कट्टरपंथी से जुड़ा रहा हो। दोनों एक ही सिक्के के दो चेहरे हैं।
दरअसल, दिल्ली में सीएए विरोधियों और समर्थकों में पहले झड़प हुई थी। बाद में यह दंगा का रूप ले लिया है। दिल्ली के जाफराबाद के इलाके में दंगाइयों ने खूब उपद्रव किया है। जिसमें सात सिविलयन और एक पुलिसवाले की मौत हो गई है। इसके साथ दर्जनों लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। जिनका इलाज चल रहा है। कई की स्थिति नाजुक बनी हुई है। दिल्ली में बिगड़े हालात पर राजनीति भी तेज हो गई है।
वहीं, गृह मंत्री अमित शाह ने पुलिस और सीएम केजरीवाल के साथ बैठक की है। उन्होंने दिल्ली में शांति बनाए रखने में सभी राजनीतिक दलों की मदद मांगी है। साथ ही आमलोगों से भी शांति बनाए रखने की अपील की है। साथ गृह राज्य मंत्री किशन रेड्डी ने कहा है कि ट्रंप के दौरे के दौरान जानबूझकर यह हिंसा भड़काई गई है। हिंसाग्रस्त इलाकों में पुलिस लगातार फ्लैग मार्च कर रही है।