दिग्विजय ने पहले ट्वीट में कहा है कि शहीद हेमंत करकरे के विरुद्ध संघ के लोगों के बयान से साफ है कि उनके लिए भारत माता नहीं, संघ ही सब कुछ हैं। जो संघ की मर्जी के खिलाफ बोले वो देशद्रोही है। भारत के शहीद भी अगर संघ को पसंद नहीं तो वो शैतान हैं। हमने संघ की नहीं, संविधान की शपथ ली है। हम भारत माता के भक्त हैं।
दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि भारत आज एक मजबूत राष्ट्र है। जिसमें संघ की नहीं, कांग्रेस के लोगों की कुर्बानियां शामिल हैं। महात्मा गांधी, इंदिरा जी, राजीव जी के बलिदान हैं। छत्तीसगढ़, कश्मीर, पंजाब, असम, मणिपुर, त्रिपुरा…देश की मिट्टी में कांग्रेस का खून मिला हुआ है। उस खून की खुशबू संघ को नहीं आती।
दिग्विजय ने तीसरे ट्वीट में लिखा कि बीजेपी के लोग भले मानते हों कि जब जागे तभी सवेरा, लेकिन भारत का सूर्य आपसे बहुत पहले उदय हो चुका था। आजादी के बाद मजबूत भारत बनाने में देशवासियों की मेहनत, सैनिकों/पुलिसकर्मियों के बलिदान, संविधान की ताकत, कांग्रेस की नीतियां शामिल हैं। राष्ट्र निर्माण यज्ञ है, निजी चमत्कार नहीं।
चौथे ट्वीट में दिग्विजय ने लिखा कि नेहरु जी ने नए राष्ट्र के रूप में भारत की नींव रखी। उसमें संघ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी को भी सम्मानपूर्वक शामिल किया, सबको साथ लिया। आप जो राष्ट्र बना रहे हैं, उसमें शहीदों का सम्मान नहीं। महात्मा गांधी, इंदिरा जी, राजीव जी से हेमंत करकरे तक सब आपके लिए बस राजनीति है?क्यों?
हालांकि दिग्विजय ने अपने पहले ट्वीट में साध्वी का नाम लिए बिना इशारों-इशारों में वार किया। बीजेपी अभी तक साध्वी को सिर्फ हिंदुत्व के मुद्दे पर ही घेर रही है। दिग्विजय ने अपने प्रहार के लिए शहीदों को आधार बनाया है। साथ ही उन्होंने बीजेपी को इतिहास के बारे में भी याद दिलाया है।