इस बात का खुलासा नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान किया। पूर्व में भी माना जा रहा था कि चुंकि जल्द ही मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में दिग्विजय सिंह की नर्मदा यात्रा कांग्रेस को नई दिशा देने और प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के खिलाफ माहौल बनाने का काम कर रही है। नर्मदा यात्रा के बाद वह फिर से सियासत में सक्रिय हो जाएंगे।
यात्रा के दौरान पूर्व सीएम दिग्विजय ने अपने को राजनीति से दूर रखते हुए ऐसी कोई बात नहीं कहने की बात कही थी, वे गुजरात चुनाव के दौरान भी अपनी यात्रा में ही व्यस्थ रहे और चुनाव को लेकर कोई बड़ी बात नहीं कहीं ।
दरअसल उन्होंने अभी तक इस यात्रा को धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा का ही नाम दिया है। जिसके चलते उन्होंने कोई खुलासा करने या आगामी विधानसभा चुनाव की ओर कोई इशारा नही किया। MUST READ : सीएम पर पानी का गुब्बारा फेंकने वाला बाबा रहस्यमय तरीके से लापता ! – video
गौरतलब है कि दशहरे के दिन 30 सितंबर को बरमान घाट से शुरू हुई नर्मदा परिक्रमा अब कुछ ही दिनों मे पूरी होने वाली है। नर्मदा परिक्रमा कुल 3,300 किलोमीटर की है। जो मध्य प्रदेश की कुल 230 विधानसभा क्षेत्रों में से 110 से गुजरी है। इसके अलावा, दिग्विजय की यह नर्मदा परिक्रमा गुजरात विधानसभा के 20 क्षेत्रों से भी होकर वापस मप्र पहुंच चुकी हैं।
वहीं अजय सिंह ने चर्चा के दौरान कहा है कि नर्मदा परिक्रमा के दौरान सिंह को कई लोगों ने नर्मदा नदी से जुड़े दस्तावेज दिए हैं जिनका डॉक्यूमेंटेशन किया जा रहा है। जिसमें सामने आया है कि प्रदेश के कई इलाकों में नर्मदा नदी का सीना चीरकर बुरी तरह से उत्खनन किया गया है। उत्खनन के चलते नदियों की हालात बद से बदतर हो चुकी है। पौधा रोपण के दौरान भी सरकार द्वारा जो-जो फर्जीवाड़ा और घोटाला किया गया है। परिक्रमा समाप्त होने के बाद दिग्विजय सिंह नर्मदा घोटाले का खुलासा करेंगे।
दरअसल जानकार शुरु से ही इस यात्रा को केवल आध्यात्मिक ही नहीं राजनैतिक भी मान रहे थे। अंदाजा लगाया जा रहा है कि दिग्विजय की यह यात्रा ना सिर्फ कांग्रेस को वनवास से बाहर निकालेंगी। खैर अब इसका खुलासा तो आने वाले दिनों में ही होगा। अब देखना है कि भाजपा पर इस यात्रा का कितना असर पड़ता है।