नेमावर नरसंहार में जिंदा बची एक मात्र महिला सदस्य द्वारा निकाली गई न्याय यात्रा के साथ दिग्विजय सिंह समेत अन्य कांग्रेसी राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे थे, लेकिन कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए राज्यपाल ने मुलाकात से इंकार कर दिया था। उस दौरान कांग्रेसियों ने राज्यपाल के खिलाफ टिप्पणी कर दी थी। तभी से राजनीति उबाल पर है।
दिग्विजय सिंह जी ने नेमावर हत्याकांड में दोषियों को सजा दिलाने न्याय यात्रा पर पैदल निकली आदिवासी परिवार की बेटी भारती कासडे से मिलकर उसकी फरियाद सुनने व पूर्ण न्याय का भरोसा दिलाने के लिए राज्यपाल को लिखा पत्र। उन्होंने पत्र में लिखा कि नेमावर कस्बे में हुए जघन्यतम हत्याकांड की आप को पूरी जानकारी दी गई होगी। जिसमें आदिवासी समाज के 5 सदस्यों की नृशंस हत्या कर जमीन में दफना दिया गया था। यह कृत्य एक राजनैतिक दल से जुड़े नौजवानों ने किया था। इस हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को झंझकौर कर रख दिया था।
पूरे मामले में शुरू से ही स्थानीय पुलिस की भूमिका संदिग्ध थी। उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया है कि यदि आप आदिवासी परिवार की संघर्षशील बिटिया भारती कासडे को बुलाकर उसकी फरियाद सुने और उसे पूर्ण न्याय का भरोसा दिलाये। सी.बी.आई. को समय सीमा में जांच कर हत्यारों को फांसी के तख्ते तक पहुॅचाने के लिये निर्देश देना चाहेंगे। प्रदेश का आदिवासी समाज अपने अभिभावक होने के नाते आपसे इंसाफ की उम्मीद लगा रहा है।