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दिग्विजय सिंह का सवाल, क्या राज्यपाल किसी एक पार्टी के प्रचारक के रूप में कार्य कर सकता है

locationभोपालPublished: Jan 13, 2022 07:49:37 am

भाजपा के चिन्ह कमल वाले भगवा रंग के दुपट्टा को गले में डाले दिख रहे थे राज्यपाल, टवीट पर किया सवाल

दिग्विजय सिंह का सवाल, क्या राज्यपाल किसी एक पार्टी के प्रचारक के रूप में कार्य कर सकता है

दिग्विजय सिंह का सवाल, क्या राज्यपाल किसी एक पार्टी के प्रचारक के रूप में कार्य कर सकता है

भोपाल। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। दिग्विजय ने एक ट्वीट कर सवाल किया है कि ‘क्या राज्यपाल किसी एक पार्टी के प्रचारक के रूप में कार्य कर सकता है? क्या ऐसे राज्यपाल से विपक्ष कोई उम्मीद कर सकता है। भाजपा हटाओ देश बचाओ। असल में कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने राज्यपाल पटेल का एक फोटो ट्वीट किया। जिसमें राज्यपाल भाजपा के चिन्ह कमल वाले भगवा रंग के दुपट्टा को गले में डाले दिख रहे हैं। इसी ट्वीट पर दिग्विजय ने प्रतिक्रिया देते हुए सवाल खड़े किए हैं। इसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई है।
एक दिन पहले राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे कांग्रेसी हुए थे हमलावर
नेमावर नरसंहार में जिंदा बची एक मात्र महिला सदस्य द्वारा निकाली गई न्याय यात्रा के साथ दिग्विजय सिंह समेत अन्य कांग्रेसी राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे थे, लेकिन कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए राज्यपाल ने मुलाकात से इंकार कर दिया था। उस दौरान कांग्रेसियों ने राज्यपाल के खिलाफ टिप्पणी कर दी थी। तभी से राजनीति उबाल पर है।
राज्यपाल को पत्र लिखा
दिग्विजय सिंह जी ने नेमावर हत्याकांड में दोषियों को सजा दिलाने न्याय यात्रा पर पैदल निकली आदिवासी परिवार की बेटी भारती कासडे से मिलकर उसकी फरियाद सुनने व पूर्ण न्याय का भरोसा दिलाने के लिए राज्यपाल को लिखा पत्र। उन्होंने पत्र में लिखा कि नेमावर कस्बे में हुए जघन्यतम हत्याकांड की आप को पूरी जानकारी दी गई होगी। जिसमें आदिवासी समाज के 5 सदस्यों की नृशंस हत्या कर जमीन में दफना दिया गया था। यह कृत्य एक राजनैतिक दल से जुड़े नौजवानों ने किया था। इस हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को झंझकौर कर रख दिया था।
पूरे मामले में शुरू से ही स्थानीय पुलिस की भूमिका संदिग्ध थी। उन्होंने राज्यपाल से आग्रह किया है कि यदि आप आदिवासी परिवार की संघर्षशील बिटिया भारती कासडे को बुलाकर उसकी फरियाद सुने और उसे पूर्ण न्याय का भरोसा दिलाये। सी.बी.आई. को समय सीमा में जांच कर हत्यारों को फांसी के तख्ते तक पहुॅचाने के लिये निर्देश देना चाहेंगे। प्रदेश का आदिवासी समाज अपने अभिभावक होने के नाते आपसे इंसाफ की उम्मीद लगा रहा है।
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