सोमवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में दिग्विजय सिंह ने यह बयान दिया है। वे पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाशचंद्र सेठी की जयंती के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने यहां तक कह दिया कि आज से कोई नेता माला न पहनेगा।
उपचुनाव में शब्दबाण: पूर्व मुख्यमंत्री को बताया ‘देश का सबसे बड़ा जयचंद’
1977 जैसी लहर
दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रदेश के उपचुनाव में 1977 के जैसी चुनाव की लहर काम कर रही है। 1977 के चुनाव में जनता दल की लहर थी, लेकिन इस बार के उपचुनाव में कांग्रेस की लहर है। यही कारण है कि भाजपा के प्रत्याशियों को कई बार जनता के सामने दंडवत होना पड़ रहा है। भाजपा को फिर भी करारी हार का सामना करना पड़ेगा।
आइटम पर बोले दिग्विजय
राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह से जब मीडिया कर्मियों ने कमलनाथ की ओर से इमरती देवी को आइटम बताने पर प्रतिक्रिया पूछी तो उन्होंने कहा कि उन्होंने किस संदर्भ में यह कहा है इसकी जानकारी मुझे नहीं है। हालांकि दिग्विजय ने मुख्यमंत्री शिवराज, सिंधिया और भाजपा नेताओं के मौन धरने पर जरूर निशाना साधा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्वालियर से ढाई सौ किलोमीटर दूर हाथरस में दलित युवती के साथ रेप के मामले पर प्रदेश के भाजपा नेताओं ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हाथरस की घटना पर भाजपा के नेता क्यों मौन रहे। यह भी बताना चाहिए। क्रिकेटर की उंगली फैक्चर होने पर ट्वीट करने वाले भाजपा नेता दलित महिला के साथ हुई घटना पर क्यों चुप रहे। इसका जवाब देना चाहिए।
सिंधिया का असंवेदनशील रवैया
हाल ही में खंडवा में ज्योतिरादित्य सिंधिया की चुनावी सभा में एक किसान की मौत हो गई थी। इस मामले में दिग्विजय ने उन्हें असंवेदनशील बताया। दिग्विजय सिंह ने कहा कि सभा के दौरान किसान की मौत के बाद भी सभा को जारी रखना ज्योतिरादित्य सिंधिया की असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है। पूर्व मुख्यमंत्री के मुताबिक खबर मिलते ही सभा को तत्काल स्थगित कर किसान के परिवार को सांत्वना देने उनके घर चले जाना चाहिए था, लेकिन अब सिंधिया पर बीजेपी नेताओं की संगत का असर है।
कोई नहीं पहने माला
राज्यसभा सांसद ने कांग्रेस नेताओं के माला न पहनने की भी वकालत की। पीसीसी में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी की जयंती के मौके पर उन्होंने कहा कि आज से कोई नेता माला नहीं पहनेगा। माला के बदले की राशि लोगों से ली जाए और यह राशि प्रकाशचंद्र सेठी जन शताब्दी वर्ष के नाम पर जमा की जाए। पार्टी के लिए चंदा लें। इस पैसों से कांग्रेस के कार्यालयों को बनाया जाए। सेठीजी के नाम से भवन भी तैयार किए जाना चाहिए।