भोपाल

बाबाओं से मुश्किलों में घिरी सरकार के लिए मुसीबत बढ़ाने आ रहे दिग्विजय सिंह

दिग्विजय की नर्मदा यात्रा पूरी अब राजनीतिक यात्रा का आगाज होगा, बाबाओं पर हाईकोर्ट का नोटिस

भोपालApr 09, 2018 / 02:02 pm

shailendra tiwari

भोपाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दिग्विजय सिंह की नर्मदा यात्रा सोमवार को पूरी हो रही है। नरसिंहपुर के बरमान घाट पर दिग्विजय सिंह पूजा—अर्चना कर रहे हैं। इसके बाद उनकी राजनीतिक यात्रा तय है, ऐसे में प्रदेश के भीतर राजनीतिक पारा बढ़ना तय माना जा रहा है। दूसरी ओर, बाबाओं पर घिरी सरकार को राहत फिलहाल हाईकोर्ट से भी मिलती नजर नहीं आ रही है। हाईकोर्ट ने बाबाओं पर सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
दरअसल, कांग्रेस के भीतर भी दिग्विजय सिंह की नर्मदा यात्रा के खत्म होने का इंतजार किया जा रहा था। भले ही दिग्विजय को मध्यप्रदेश की राजनीति में हाशिए पर दिखाने की कोशिश की जाती रही, लेकिन हकीकत यह है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस की राजनीति की धुरी दिग्विजय सिंह ही हैं। यही वजह है कि अभी तक कांग्रेस अपना चेहरा और नेता चुनावों के लिए तय नहीं कर पाई है।
वहीं, कल दिग्विजय सिंह ने यह कहकर सभी को चौंका दिया है कि वह मैदान में उतरने को तैयार हैं। वह सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए नेतृत्व भी संभालने को तैयार हैं। सभी को जोड़कर मध्यप्रदेश से भाजपा सरकार को बाहर कर देंगे।
दिग्विजय को कैसे रोकेगी सरकार
नर्मदा यात्रा पूरी करने के बाद दिग्विजय सिंह अपनी राजनीतिक यात्रा की तैयारी शुरू करने वाले हैं। इस यात्रा में तय माना जा रहा है कि दिग्विजय सिंह नर्मदा यात्रा के दौरान मिले अपने अनुभवों के सहारे शिवराज सरकार पर हमले की तैयारी शुरू करेंगे। ऐसे में अब सवाल यही है कि सरकार आखिर दिग्विजय सिंह को कैसे रोकेगी?
यात्रा में नहीं आए राहुल गांधी
दिग्विजय सिंह की नर्मदा यात्रा के समापन में राहुल गांधी को भी मध्यप्रदेश लाने की तैयारी थी, लेकिन आखिरी मौके पर इसे निरस्त कर दिया गया। या कहें कि राहुल के आने की मंजूरी उनके आॅफिस ने नहीं दी। हालांकि राजनीतिक हल्कों में इसे कांग्रेस की रणनीतिक भूल के तौर पर देखा जा रहा है।
दरअसल, दिग्विजय सिंह चाह रहे थे कि वह यहां से अपनी धार्मिक यात्रा को खत्म कर राजनीतिक यात्रा का आगाज कर देते। लेकिन राहुल गांधी के नहीं आने के बाद अब नए सिरे से पूरी रणनीति बनेगी। फिलहाल दिग्विजय सिंह को रणनीतिक तौर पर वार रूम और दूसरी जरूरी जिम्मेदारियों और मध्यप्रदेश में एक राय कर रणनीति बनाने की जिम्मेदारी जरूर दी जा सकती है।
माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में कांग्रेस के भीतर का कुंहासा छट जाएगा और स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी। संभव है कि चेहरा सामने कर चुनाव प्रबंधन के तौर पर किसी एक नाम को आगे कर पूरा चुनाव लड़ा जाए।
Digvijay
हमलावर होंगे दिग्विजय सिंह और कांग्रेस
संभव है कि अगले कुछ दिनों में दिग्विजय सिंह और कांग्रेस कुछ ज्यादा ही हमलावर अंदाज में नजर आए। दरअसल, जिस नर्मदा घोटाला यात्रा को निकालकर बाबा सरकार की मुश्किलें बढ़ाना चाहे रहे थे, उसी को लेकर दिग्विजय सिंह राजनीतिक हमले शुरू कर सकते हैं। राजनीतिक हमलों में साथ देने के लिए पूरी कांग्रेस उनके साथ खड़ी हो सकती है। इसी की तैयारियों पर चर्चा के लिए वार रूम के लोग आज से ही बरमान पहुंच गए हैं।
बाबाओं पर घिरी सरकार, हाईकोर्ट का नोटिस
पांच बाबाओं को राज्य मंत्री का दर्जा दिए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट की इन्दौर खंडपीठ की डिविजन बेंच मे दायर याचिका आज सुनवाई हुई। अभिभाषक गण के कार्य से विरक्त होने के कारण याचिकाकर्ता स्वयं उपस्थित हुए। खंडपीठ के न्यायधीश गण न्यायमूर्ति पीके जायसवाल, न्यायमूर्ति सुशील कुमार अवस्थी जी ने सुनवाई कर शासन को शोकाज नोटिस जारी कर तीन सप्ताह मे जवाब देने के आदेश पारित किया।
 
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