बंद कमरे में होगी चर्चा
सोमवार को गुना के सर्किट हाउस में बंद कमरे में दोनों नेताओं के बीच 45 मिनट की मुलाकात की बात कही गई है। इस मुलाकात के लिए दिग्विजय सिंह ने अपने टूर प्रोग्राम जारी किया है। इस कार्यक्रम में दोनों नेताओं के बीच 45 मिनट की मुलाकात का जिक्र है। दोनों नेता दिल्ली से आ रहे हैं और इस मुलाकात के कई मायने भी निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इस मुलाकात की सबसे अहम कड़ी राज्यसभा के चुनाव हैं। मध्यप्रदेश में इस बार कांग्रेस को दो सीटें मिलने की उम्मीद है। ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह दोनों ही नेता राज्यसभा के दावेदार माने जा रहे हैं।
सोमवार को गुना के सर्किट हाउस में बंद कमरे में दोनों नेताओं के बीच 45 मिनट की मुलाकात की बात कही गई है। इस मुलाकात के लिए दिग्विजय सिंह ने अपने टूर प्रोग्राम जारी किया है। इस कार्यक्रम में दोनों नेताओं के बीच 45 मिनट की मुलाकात का जिक्र है। दोनों नेता दिल्ली से आ रहे हैं और इस मुलाकात के कई मायने भी निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इस मुलाकात की सबसे अहम कड़ी राज्यसभा के चुनाव हैं। मध्यप्रदेश में इस बार कांग्रेस को दो सीटें मिलने की उम्मीद है। ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह दोनों ही नेता राज्यसभा के दावेदार माने जा रहे हैं।
गिले-शिकवे दूर करना या रणनीति ?
मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच कई बार कड़वाहटों की खबरें आई हैं। इन खबरों के बीच दोनों ही नेता सार्वजनिक रूप से कम मिलते हैं। इस मुलाकात का एक पहलू यह भी देखा जा रहा है कि विधायकों को एकजुट रखने के साथ दोनों नेता आपस में अपने गिले-शिकवे दूर करने की कोशिश करने में लगे हैं। दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का राज्यसभा का कार्यकाल नौ अप्रैल को समाप्त हो रहा है। दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश में लगातार सक्रिय हैं तो ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना-शिवपुरी संसदीय सीट के साथ-साथ चंबल अंचल में लगातार सक्रिय हैं। राजनीतिक जानकारों के अनुसार, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मध्यप्रदेश की सियासत से बाहर नहीं जाना चाहते हैं और मध्यप्रदेश में अपना दखल बनाए रखना चाहते हैं। वहीं, दिग्विजय भी एमपी की सियासत में सक्रिय हैं। दोनों ही जनाधार वाले नेता हैं और जनता के बीच इनकी पकड़ अच्छी है। ऐसे में दोनों नेता अपने गिले-शिकवे दूर कर एक साथ आकर सीएम कमलनाथ के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।
मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच कई बार कड़वाहटों की खबरें आई हैं। इन खबरों के बीच दोनों ही नेता सार्वजनिक रूप से कम मिलते हैं। इस मुलाकात का एक पहलू यह भी देखा जा रहा है कि विधायकों को एकजुट रखने के साथ दोनों नेता आपस में अपने गिले-शिकवे दूर करने की कोशिश करने में लगे हैं। दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का राज्यसभा का कार्यकाल नौ अप्रैल को समाप्त हो रहा है। दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश में लगातार सक्रिय हैं तो ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना-शिवपुरी संसदीय सीट के साथ-साथ चंबल अंचल में लगातार सक्रिय हैं। राजनीतिक जानकारों के अनुसार, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मध्यप्रदेश की सियासत से बाहर नहीं जाना चाहते हैं और मध्यप्रदेश में अपना दखल बनाए रखना चाहते हैं। वहीं, दिग्विजय भी एमपी की सियासत में सक्रिय हैं। दोनों ही जनाधार वाले नेता हैं और जनता के बीच इनकी पकड़ अच्छी है। ऐसे में दोनों नेता अपने गिले-शिकवे दूर कर एक साथ आकर सीएम कमलनाथ के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।
सिंधिया अपनी ही सरकार से नाराज?
ज्योतिरादित्य सिंधिया इन दिनों अपनी ही सरकार से नाराज हैं। कमलनाथ सरकार के कई फैसलों पर आपत्ति जता चुके हैं तो हाल ही में उन्होंने वचन पूरा नहीं होने पर सड़कों पर उतरने की बात कही थी। सिंधिया के इस बयान के बाद कांग्रेस दो खेमा में बांट गई थी। खुद दिग्विजय सिंह डैमेड कंट्रोल करने के लिए सामने आए थे और उन्होंने सिंधिया की नाराजगी की खबरों को निराधार बताया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने इस दौरे में भोपाल भी आ रहे हैं। वो भोपाल में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात तो करेंगे लेकिन सीएम कमलनाथ से उनकी मुलाकात नहीं होगी। वहीं, सीएम कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया के मामले में बैकफुट पर आए थे और उन्होंने कहा था कि मैं शिवराज से नाराज नहीं होता हूं तो सिंधिया से कैसे नाराज हो सकता हूं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया इन दिनों अपनी ही सरकार से नाराज हैं। कमलनाथ सरकार के कई फैसलों पर आपत्ति जता चुके हैं तो हाल ही में उन्होंने वचन पूरा नहीं होने पर सड़कों पर उतरने की बात कही थी। सिंधिया के इस बयान के बाद कांग्रेस दो खेमा में बांट गई थी। खुद दिग्विजय सिंह डैमेड कंट्रोल करने के लिए सामने आए थे और उन्होंने सिंधिया की नाराजगी की खबरों को निराधार बताया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने इस दौरे में भोपाल भी आ रहे हैं। वो भोपाल में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात तो करेंगे लेकिन सीएम कमलनाथ से उनकी मुलाकात नहीं होगी। वहीं, सीएम कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया के मामले में बैकफुट पर आए थे और उन्होंने कहा था कि मैं शिवराज से नाराज नहीं होता हूं तो सिंधिया से कैसे नाराज हो सकता हूं।
पांच मंत्री भी रहेंगे
सिंधिया और दिग्विजय सिंह की मुलाकात के दौरान कमलनाथ सरकार के पांच मंत्री भी मौजूद रहेंगे। जानकारी के अनुसार, सिंधिया के दौरे में कमलनाथ सरकार के मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया, तुलसी सिलावट, डॉ प्रभुराम चौधरी, गोविंद सिंह राजपूत और इमरती देवी मौजूद रहेंगी।