चूहों से फैलती है यह बीमारी
-लेप्टोस्पायरोसिस नाम यह जानलेवा वायरस चूहों के ज़रिए इंसानों और जानवरोंमें फेल जाती है। आज हम आपको इस बीमारी की पहचान करना और इससे बचाव करने के तरीक़े के बारे में बताने जा रहे हैं। अगर आप इस बीमारी की पहचान कर पाएंगे तो इससे बचाव कर पाना आसान हो जाएगा।
-बीमारी से संक्रमित व्यक्ति को तेज़ बुखार, सिरदर्द, ठंड की वजह से मासपेशियों में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इसके साथ ही उल्टी, पीलिया, आंखों का लाल होना, पेट दर्द और दस्त की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके ज़्यादातर लक्षण डेंगू से मिलते जुलते हैं।
-ज्यादा बारिश के चलते चूहों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे जीवाणुओं का फैलना आसान हो जाता है। जानकारी के अनुसार संक्रमित चूहों के मूत्र में बड़ी मात्रा में लेप्टोस्पायर्स पाया जाता है। यह बाढ़ के पानी में मिल जाता है। ख़तरनाक जीवाणु व्यक्ति के आंख, नाक या मूंह के ज़रिए शरीर में प्रवेश कर जाता है। अगर शरीर पर कहीं घाव या कटा हुआ हो तो उसके ज़रिए भी ख़तरनाक जीवाणु शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
ऐसे करें रोकथाम
-इस खतरनाक वायरस से बचने के लिए बारिश के पानी और चूहों से दूर रहना ही सही है। जलभराव और बहते पानी के कारण यह संक्रमण फैलता है। यह बीमारी भी बारिश के दिनो में सबसे ज्यादा सक्रीय होती है। यह बीमारी ज्यादातर उन इलाकों में ज्यादा होती है, जो जलभराव और गंदगी वाले इलाके हैं।
-इलाज के तौर पर सबसे पहले रोगी को पानी और चूहों से दूरी बनाने के लिए कहा जाता है। रोगी को डायलिसिस और एंटीबायोटिक दी जाती है। किडनी, हार्ट, लिवर में संक्रमण होने पर ख़ास ख़याल की ज़रूरत होती है।