
क्यों विवादों में आए सरकार के ये हेंडसम अफसर
भोपाल : मंडला कलेक्टर जगदीशचन्द्र जटिया के बाद पर्यावरण विभाग के उपसचिव नियाज अहमद सोशल मीडिया पर टिप्पणी को लेकर चर्चा में आ गए हैं। नियाज अहमद ने अपने ट्विटर हैंडल पर एनआरसी पर आपत्ति जताई है। उन्होंने एक के बाद एक चार ट्वीट कर एनआरसी को लेकर अपनी भावनाएं जाहिर की हैं। नियाज अहमद ने कहा कि एनआरसी उन लोगों के खिलाफ होना चाहिए जो सरकारी धन की चोरी करते हैं। सरकार का एक-एक पैसा उन लोगों के लिए है जो रोटी को तरस रहे हैं, बच्चों के तन पर कपड़े नहीं हैं। इनकी गरीबी के लिए सरकार में शामिल भ्रष्ट लोग जिम्मेदार हैं। नियाज अहमद ने आगे लिखा कि जो भी भ्रष्ट है उसे इस देश का नागरिक कहलाने का अधिकार नहीं है। ऐसे भ्रष्ट लोग जो अपने आपको महान देशभक्त दिखाते हैं, देश को साफ करने के लिए उनको एनआरसी के जरिए बाहर फेंक देना चाहिए।
नियाज ने लिखा कि यदि सच्चे मन से इसे लागू कर दिया जाए तो बहुत सारे सरकारी पद खाली हो जाएंगे, उन पदों पर देश को आगे बढ़ाने वाले ईमानदार लोगों को भर्ती कर देना चाहिए। मैं एक लेखक और भारतीय नागरिक होने के नाते प्रधानमंत्री से निवेदन करता हंू कि इस बात पर वे विचार करें। ये वक्त की जरुरत है। सिर्फ ईमानदार लोग ही इस देश के नागरिक होने चाहिए।
पहले भी विवादों में रहें हैं नियाज :
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी नियाज अहमद पहले भी विवादों में रहे हैं। एक बार उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि उनके नाम के साथ खान लगे होने के कारण उन्हें अपनी सर्विस के दौरान बहुत कुछ भुगतना पड़ा है और खान सरनेम भूत की तरह उनका पीछा कर रहा है। नियाज उस समय भी विवादों में आए थे जब उन्होंने अंडरवल्र्ड डॉन अबू सलेम और मोनिका बेदी की प्रेमकहानी लिखने के लिए सरकार से इजाजत मांगी थी। नियाज ने अंडरवल्र्ड डॉन दाउद इब्राहिम पर भी किताब लिखी है।
Published on:
15 Jan 2020 08:55 pm
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