script211 करोड़ के सिक्सलेन एक्सप्रेस-वे में गड़बड़ी, ड्रैनेज सिस्टम के 21 करोड़ बचाए | Distortion in the construction of Six Lane Expressway | Patrika News

211 करोड़ के सिक्सलेन एक्सप्रेस-वे में गड़बड़ी, ड्रैनेज सिस्टम के 21 करोड़ बचाए

locationभोपालPublished: Dec 02, 2018 01:05:29 am

Submitted by:

Ram kailash napit

दिल्ली की सीडीएस इंफ्रा पर एनएचएआई मेहरबान, मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत

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Six Lane Expressway

भोपाल. लालघाटी से एयरपोर्ट तक निर्माणाधीन सिक्सलेन एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ बनने वाले ड्रैनेज सिस्टम के निर्माण में बड़ी लापरवाही सामने आई है। प्रोजेक्ट पूरा करने का ठेका दिल्ली की सीडीएस इंफ्रा को मिला है जो रेन वॉटर ड्रैनेज सिस्टम के नाम पर सिर्फ अंडरपास बना रही है। इंडियन रोड कांग्रेस की गाइड लाइन है कि ऐसे अंडरपास का आसपास के नालों तक चैनलाइजेशन होना जरूरी है लेकिन मौके पर सड़क के नीचे सिर्फ अंडरपास बनाकर छोड़ दिए गए हैं। टेंडर शर्तों के मुताबिक सीडीएस कंपनी को 211 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट की 10 प्रतिशत राशि ड्रैनेज सिस्टम पर खर्च करनी थी लेकिन कंपनी ने लगभग 21 करोड़ रुपए की ये राशि खर्च नहीं की है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आरके पुरविया को सीडीएस की इस गड़बड़ी की खबर मिली थी जिसके बाद उन्होंने मौके पर जाकर जांच भी की थी। पुरविया से ये शिकायत स्थानीय निवासी रिटायर्ड कर्नल गजम्फर अली ने की थी, जांच में तथ्यों के सही मिलने पर पुरविया ने अली को कार्रवाई का भरोसा भी दिया था। पत्रिका ने जब मामले की पड़ताल की तो पुरविया ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया जबकि एनएचएआई के स्टेट हेड विवेक जायसवाल ने ऐसे किसी मामले से ही इंकार कर दिया।

12 से ज्यादा कॉलोनियों में भरेगा पानी
लालघाटी और सिंगारचोली आरओबी के आगे दाता कॉलोनी, पंचवटी कॉलोनी, पुष्प कॉलोनी, कर्नल कॉर्नर, सुविध एनक्लेव सहित एक दर्जन कॉलोनियां एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ मौजूद हैं। रूट के एक तरफ एयरपोर्ट की ढलान है जबकि दूसरी तरफ जेल पहाड़ी की तराई है। बारिश में दोनों तरफ से पानी बहकर एयरपोर्ट रोड पर आता है और स्थानीय नालों में समा जाता है। प्रोजेक्ट चालू होने के जल निकासी के लिए गिनती के पाइंट पर अंडरपास बना दिए गए हैं लेकिन इन्हें नालों तक जोड़ा नहीं गया है। बारिश में इन पाइंट से भारी मात्रा में बारिश बहकर आसपास के क्षेत्रों में भरना तय है।
शिकायतकर्ता को प्रलोभन
रिटायर्ड कर्नल अली ने इस मामले में 18 जुलाई को पहली शिकायत की थी। इसके बाद एनएचएआई अधिकारियों ने अली के बंगले पर जाकर उन्हें प्रभावित करने का प्रयास किया था। अली के मुताबिक उन्होंने इसका विरोध किया और अफसरों को लौटा दिया। बाद में प्रोजेक्ट डायरेक्टर पुरविया ने मौके पर आकर तथ्यों की जांच की और कार्रवाई का भरोसा दिलाया, लेकिन चार माह बीतने के बाद भी कुछ नहीं हुआ।
फैक्ट फाइल-
प्रोजेक्ट की लागत- 211 करोड़ रुपए
प्रोजेक्ट की डेडलाइन- दिसंबर 2019
लालघाटी से एयरपोर्ट तक फ्लायओवर- 5
पुराने मार्ग का नया डिजाइन- सिक्सलेन एक्सप्रेस-वे
कॉलोनियों के लिए ट्रैफिक डायवर्जन- 8 मीटर चौड़ी सर्विस रोड
लालघाटी से एयरपोर्ट तक दूरी- 6 किमी
मैंने इस मामले की शिकायत सीएम ऑफिस से की थी। खुद को एनएचएआई का लाइजनिंग ऑफिसर बताकर कुछ लोग मुझसे मिलने आए थे लेकिन उनकी बातें सुनकर उन्हें लौटा दिया था। बाद में पुरविया ने आकर जांच की थी। तब से अब तक मौके पर काम बंद पड़ा है।
गजम्फर अली, रिटायर्ड कर्नल, शिकायतकर्ता
पुरविया ने मुझे कुछ नहीं बताया ना मुझे कोई शिकायत मिली। मैं मान ही नहीं सकता कि कंपनी ने ड्रैनेज सिस्टम नहीं बनाया होगा। आप कह रहे हैं तो इसे दिखवाया जाएगा।
विवेक जायसवाल, स्टेड हेड, एनएचएआई
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