व्यापमं ने 10-11 फरवरी को यह परीक्षा आयोजित की थी। 17 फरवरी को आंसर शीट के साथ सफल उम्मीदवारों की संभावित लिस्ट भी जारी की गई। ताज्जुब यह है कि जनरल नॉलेज की परीक्षा में सभी 10 छात्रों को एक जैसे अंक मिले। परीक्षा में शामिल होने वाले अन्य छात्र घोटाले का आरोप इसलिए भी लगा रहे हैं कि टॉपर्स की शैक्षिक पृष्ठभूमि अच्छी नहीं रही है।
इस संबंध में, जब मामला सामने के बाद सवाल उठा की यह संयोग है या साजिश, लेकिन यह कैसे संभव है कि उन्होंने समान गलत उत्तर दिए जो सामान्य ज्ञान के विषय में आसान से सवाल थे। मामला ज्यादा चर्चा में आने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संबंधित अधिकारियों को जांच के आदेश जारी किए हैं।
बता दें कि व्यापमं ने इस परीक्षा की जिम्मेदारी एनएसईआईटी को दी थी, जो पहले से आरोपों में रही है। वर्ष 2017 में यूपी में सब इंस्पेक्टर परीक्षा में गड़बड़ियों के चलते एनएसईआईटी को ब्लैकलिस्ट किया गया था। हालांकि, एनएसईआईटी के अधिकारियों ने परीक्षा में किसी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है।