शहर के बर्तन, कपड़ा, सराफा, ऑटो, इलेक्ट्रानिक बाजार समय से पहले खुल जाएंगे जिन पर देर रात तक कामकाज होगा। पूर्व बुकिंग व त्योहारी उत्साह को देखते हुए बाजार में धनतेरस पर धन वर्षा होगी। लेकिन सावधानी के साथ ही इस समय यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि इस दिन खरीदा गया कौन सा सामान शुभ है और कौन सा अशुभ।
अनुमान के मुताबिक भोपाल और आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर कई सौ करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार की उम्मीद है। यदि आप भी बाजार जा रहे हैं और खरीदारी करेंगे तो इस दौरान कुछ सावधानियां रखनी बहुत जरूरी हैं। ऐसे में ये गलतियां भूलकर भी न करें वरना आपके साथ धोखा हो सकता है।
खरीदारी से पहले सावधानी जरूरी
– धनतेरस पर जमकर खरीदारी करें, लेकिन खरीदी करते समय मामूली बातों का ध्यान रखने से कई समस्याओं से बच सकते हैं। एेसी छोटी-छोटी लेकिन महत्वपूर्ण जानकारियों से न केवल त्योहार का पूरा मजा लिया जा सकता है, बल्कि बाद में यह अच्छी यादों के रूप में जेहन में बना रहेगा।
– धनतेरस पर जमकर खरीदारी करें, लेकिन खरीदी करते समय मामूली बातों का ध्यान रखने से कई समस्याओं से बच सकते हैं। एेसी छोटी-छोटी लेकिन महत्वपूर्ण जानकारियों से न केवल त्योहार का पूरा मजा लिया जा सकता है, बल्कि बाद में यह अच्छी यादों के रूप में जेहन में बना रहेगा।
– इलेक्ट्रानिक्स आइटम की खरीदी करते समय प्रोडक्ट के उपयोग के बारे में अच्छे से समझ लें, बिल लेने के साथ गारंटी कार्ड पर विक्रेता की मुहर लगवाना न भूलें। – ऑटोमोबाइल्स खरीदने से पहले एक्स शोरूम प्राइज और ऑन रोड प्राइस के बीच आ रहे अंतर की राशि की पड़ताल कर लें। यह जरूर देख लें की कहीं रजिस्ट्रेशन या मामूली एसेसरीज के नाम पर आपसे मोटी राशि तो नहीं वसूली जा रही।
– मिठाइयां खरीदते समय जरूर देखें की उन्हें साफ-सफाई से बनाया और रखा गया है कि नहीं। आप डिब्बे का वजन अलग से करने की मांग कर सकते हैं जिससे आपको मिठाई की पूरी मात्रा मिले।
– आभूषण खरीदते समय हॉलमार्क आभूषण खरीदना बेहतर विकल्प रहता है। मौजूद रेट के साथ मेकिंग जार्च का गणित समझकर ही खरीदें। धनतेरस पर भूलकर भी नहीं खरीदें यह सामान :
धनतेरस पर हर व्यक्ति अपने घर में सुख समृद्धि के लिए कुछ न कुछ जरूर खरीदता है इसलिए धनतेरस पर हर व्यापारी अपनी ओर ग्राहकों को खींचने की कोशिश करता है। व्यापारी को मालामाल बनाने की बजाय खुद की आर्थिक उन्नति के लिए इस साल धनतेरस पर खरीदारी करते समय इन बातों का ध्यान रखें और इन पांच चीजों की खरीदारी करने से बचें।
धनतेरस पर हर व्यक्ति अपने घर में सुख समृद्धि के लिए कुछ न कुछ जरूर खरीदता है इसलिए धनतेरस पर हर व्यापारी अपनी ओर ग्राहकों को खींचने की कोशिश करता है। व्यापारी को मालामाल बनाने की बजाय खुद की आर्थिक उन्नति के लिए इस साल धनतेरस पर खरीदारी करते समय इन बातों का ध्यान रखें और इन पांच चीजों की खरीदारी करने से बचें।
धनतेरस पर ये न खरीदें…
1. शीशे का सामान। राहु से संबंधित वस्तु होने के कारण इनकी खरीदारी से बचना चाहिए। अगर शीशे का सामना खरीदना जरूरी ही है तब इस बात का ध्यान रखें कि वह पारदर्शी हो धुधंला शीशा न खरीदें।
– कांच की बनी वस्तुएं।
1. शीशे का सामान। राहु से संबंधित वस्तु होने के कारण इनकी खरीदारी से बचना चाहिए। अगर शीशे का सामना खरीदना जरूरी ही है तब इस बात का ध्यान रखें कि वह पारदर्शी हो धुधंला शीशा न खरीदें।
– कांच की बनी वस्तुएं।
2. एल्युमिनियम के बरतन। राहु से संबंधित वस्तु होने के कारण इनकी भी खरीदारी करने से बचें।
– चाकू, कैंची, छूरी और लोहे के बरतन। 3. सोने के आभूषणों की बजाय हीरे और चांदी के अभूषण खरीदना अधिक शुभ रहेगा। सोना खरीदना हो तो बिस्कुट या बॉड खरीदें लाभ होगा।
– चाकू, कैंची, छूरी और लोहे के बरतन। 3. सोने के आभूषणों की बजाय हीरे और चांदी के अभूषण खरीदना अधिक शुभ रहेगा। सोना खरीदना हो तो बिस्कुट या बॉड खरीदें लाभ होगा।
लक्ष्मी की पूजा में न करें इन वस्तुओं का प्रयोग:
1. भगवान विष्णु को तुलसी प्रिय लेकिन देवी लक्ष्मी को तुलसी से वैर है क्योंकि यह भगवान विष्णु के अन्य स्वरूप शालिग्राम की पत्नी है। इस नाते तुलसी देवी लक्ष्मी की सौतन है। इसलिए देवी लक्ष्मी की पूजा में तुलसी और तुलसी मंजरी भूलकर भी नहीं चढ़ाएं।
2. देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए दीपक की बाती लाल रंग की प्रयोग में लाएं। दीपक को दायीं ओर रखें। दीपक बायीं ओर नहीं रखना चाहिए। इसका कारण यह है कि भगवान विष्णु अग्नि और प्रकाश स्वरूप हैं। भगवान विष्णु का स्वरूप होने के कारण दीप को दायी ओर रखना चाहिए।
3.धन की देवी लक्ष्मी की पूजा के समय अगरबत्ती दायीं ओर नहीं रखें। धूप, धूमन धुएं वाली चीजों को बायीं ओर रखें। बायीं ओर धूप धूमन और अगरबत्ती जलने से भगवान विष्णु की वामांगी देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
4. सफेद फूल देवी लक्ष्मी को नहीं चढ़ाएं। देवी लक्ष्मी चीर सुहागन हैं इसलिए इन्हें हमेशा लाल फूल जैसे लाल गुलाब और लाल कमल फूल चढ़ाया जाता है। 5. देवी लक्ष्मी की पूजा तब तक सफल नहीं मानी जाती है जब तक भगवान विष्णु की पूजा नहीं होती है। इसलिए दीपावली की शाम गणेश जी की पूजा के बाद देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की भी पूजा करें। इस बात का उल्लेख देवीभाग्वत पुराण में किया गया है।
6. देवी लक्ष्मी की पूजा के समय प्रसाद दक्षिण दिशा में रखें और फूल बेलपत्र हमेशा सामने रखें। कब की जाती है धनतेरस की पूजा :
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन यानि दिवाली दो दिन पहले मनाया जाता है। धन का मतलब समृद्धि और तेरस का मतलब तेरहवां दिन होता है। धनतेरस यानी अपने धन को तेरह गुणा बनाने और उसमें वृद्धि करने का दिन, कारोबारियों के लिए धनतेरस का खास महत्व होता है क्योंकि धारणा है कि इस दिन लक्ष्मी पूजा से समृद्धि, खुशियां और सफलता मिलती है। साथ ही सभी के लिए इस पूजा का खास महत्व होता है।
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन यानि दिवाली दो दिन पहले मनाया जाता है। धन का मतलब समृद्धि और तेरस का मतलब तेरहवां दिन होता है। धनतेरस यानी अपने धन को तेरह गुणा बनाने और उसमें वृद्धि करने का दिन, कारोबारियों के लिए धनतेरस का खास महत्व होता है क्योंकि धारणा है कि इस दिन लक्ष्मी पूजा से समृद्धि, खुशियां और सफलता मिलती है। साथ ही सभी के लिए इस पूजा का खास महत्व होता है।
खरीदारी का शुभ मुहूर्त :
खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त धनतेरस वाले दिन शाम 7.19 बजे से 8.17 बजे तक का है. जानिए कब करें किस चीज की खरीदारी… काल- सुबह 7.33 बजे तक दवा और खाद्यान्न।
शुभ- सुबह 9.13 बजे तक वाहन, मशीन, कपड़ा, शेयर और घरेलू सामान।
चर- 14.12 बजे तक गाड़ी, गतिमान वस्तु और गैजेट।
लाभ- 15.51 बजे तक लाभ कमाने वाली मशीन, औजार, कंप्यूटर और शेयर।
अमृत- 17.31 बजे तक जेवर, बर्तन, खिलौना, कपड़ा और स्टेशनरी।
काल- 19.11 बजे तक घरेलू सामान, खाद्यान्न और दवा।
ऐसे करें धनतेरस की पूजा :
– सबसे पहले मिट्टी का हाथी और धन्वंतरि भगवानजी की फोटो स्थापित करें।
– चांदी या तांबे की आचमनी से जल का आचमन करें।
– भगवान गणेश का ध्यान और पूजन करें।
– हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर भगवान धन्वंतरि का ध्यान करें।
– सबसे पहले मिट्टी का हाथी और धन्वंतरि भगवानजी की फोटो स्थापित करें।
– चांदी या तांबे की आचमनी से जल का आचमन करें।
– भगवान गणेश का ध्यान और पूजन करें।
– हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर भगवान धन्वंतरि का ध्यान करें।
पूजा में इस मंत्र का करें जप :
देवान कृशान सुरसंघनि पीडितांगान, दृष्ट्वा दयालुर मृतं विपरीतु कामः
पायोधि मंथन विधौ प्रकटौ भवधो, धन्वन्तरि: स भगवानवतात सदा नः
ॐ धन्वन्तरि देवाय नमः ध्यानार्थे अक्षत पुष्पाणि समर्पयामि…
देवान कृशान सुरसंघनि पीडितांगान, दृष्ट्वा दयालुर मृतं विपरीतु कामः
पायोधि मंथन विधौ प्रकटौ भवधो, धन्वन्तरि: स भगवानवतात सदा नः
ॐ धन्वन्तरि देवाय नमः ध्यानार्थे अक्षत पुष्पाणि समर्पयामि…