scriptDeepawali 2017: दीपावली पर्व पर हर दिन के अनुसार किए जाने वाले प्रमुख उपाय और टोटके | diwali festival ke doran kiye jane wale tone totke in hindi | Patrika News

Deepawali 2017: दीपावली पर्व पर हर दिन के अनुसार किए जाने वाले प्रमुख उपाय और टोटके

locationभोपालPublished: Oct 07, 2017 11:38:28 am

दीपावली पांच दिनों का त्योहार है। इसमें पहले दिन से पांचवें दिन तक क्रमश: धनतेरस, नरकचौदस, दीपावली,गोवर्धन पूजा और आखरी दिन भाई दूज मनाया जाता है।

Deepawali Festival 2017
भोपाल। दीपावली महापर्व है जो पांच पर्वों के साथ पांच दिनों तक मनाया जाता है। इस महापर्व के अंतर्गत धनतेरस, रूपचैदस, दीपावली, गोवर्धपूजा और भाईदूज पर्व आते हैं। इस दौरान माना जाता है कि धन की देवी मां लक्ष्मी पृथ्वी के भ्रमण पर आती हैं, जिसके चलते इस दौरान उन्हें प्रसन्न करना काफी आसान रहता है।
इसी के चलते कई भक्त देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इन पांचों दिनों कई प्रकार के उपाय और टोटके करते हैं, जिनसे उनका जीवन समृद्ध और खुशहाल बन सके। पंडित सुनील शर्मा के अनुसार इन टोटकों व उपायों को लेकर मान्यता है कि यह आपकी काफी हद तक मदद करते हैं, तो ये रहे दिन के अनुसार किए जाने वाले टोटके व उपाय…
1. पहला दिन : धनतेरस :-
– धनतेरस की रात्रि को घर के दरवाज़े पर दीपक लगाने से यमराज प्रसन्न होते हैं और अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है। इसके साथ ही माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
– धनतेरस के दिन सुबह जल्दी उठकर एक खोपरे का सूखा गोला लें और उसे ऊपर से काटकर उसमें आटा, पिसी चीनी और पंच मेवों से निर्मित पंजीरी भर दें। इसे किसी पेड़ के नीचे ऐसे दबा दें कि गोले का ऊपर का भाग दिखाई दे। अब चुपचाप घर लौट आएं। आपकी मनोकामना पूर्ण हो जाएगी।
– धनतेरस पर लक्ष्मी और कुबेर का पूजन करें और सोने-चांदी के आभूषणों की तथा बर्तनों की खरददारी करें। इस दिन खरीदी गई वस्तु की जीवन में कभी कमी नहीं रहती है।

– धनतेरस पर आयुर्वेद के देवता धनवन्तरि की पूजा करने से जीवन में आरोग्यता रहती है।
– धनतेरस के दिन कमलगट्टे की माला माता लक्ष्मी को अर्पित कर देने से जीवन में आर्थिक स्थिरता प्राप्त होती है।

2. दूसरा दिन: रूप चौदस या नरक चौदस :-

– इसे रूप चौदस के साथ ही नरक चौदस और छोटी दीपावली भी कहते हैं।
– इस दिन सूर्यादय से पूर्व शरीर में तिल्ली के तेल से मालिश करके स्नान करना चाहिए। ऐसा करने से वर्ष भर के पाप नष्ट होते हैं। इस दिन माता लक्ष्मी तिल्ली के तेल में निवास करती हैं।
– इस दिन सूर्य के उदय होने के पश्चात स्नान न करें। भविष्य पुराण के अनुसार जो व्यक्ति रूप चौदस को सूर्योदय के बाद स्नान करता है उसके पिछले एक वर्ष के समस्त पुण्य नष्ट हो जाते हैं।
– रूप चौदस की रात को दीपमाला प्रज्जवलित करने से यम प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

– इस दिन हनुमान चालीसा और सुन्दरकांड का पाठ करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है।
– रूप चौदस के दिन लाल चंदन, गुलाब के फूल और रोली को लाल कपड़ें में बांधकर धूप बत्ती दिखाएं फिर अपनी तिजोरी में रख लें। घर में धन रूकने लगेगा।

3. तीसरे दिन : दीपावली :-
– दीपावली की रात पांच साबुत सुपारी, काली हल्दी, पांच कौड़ी लेकर गंगाजल से धोकर लाल कपड़े में बांध लें। दीपावली पूजन में इसकी पूजा कर इसे सुबह तिजोरी में रखने से माता लक्ष्मी की कृपा अवश्य होगी।
– दीपावली की शाम लक्ष्मी पूजन के समय थोड़ी सी चने की दाल लक्ष्मी जी पर छिडक़ दें। पूजा समाप्त होने के पश्चात उसे इकट्ठी करके पीपल के पेड़ पर समर्पित कर दें। नौकरी प्राप्त हो जाएगी।
– दीपावली की रात पूजन में पांच गोमती चक्र रखें और पूजन के पश्चात उन्हें तिजोरी में स्थापित करने से वर्ष भर समृद्धि और खुशहाली बनी रहेगी।

– दीपावली पूजन के समय कौडि़यों को केसर से रंगे पीले कपड़े में बांधकर पूजन के बाद धन रखने के स्थान पर रखने से धन की कमी नहीं होती है।
– दीपावली की रात को श्री यंत्र , कुबेर यंत्र, श्वेतार्क गणपति, लघु नारियल और दक्षिणावर्ती शंख की पूजन करने से घर में लक्ष्मी सदैव वास करती हैं।

– दीपावली की शाम को अशोक जड़ से निवेदन कर उसकी जड़ लाकर अपने पास रखने से धन सदैव स्थिर रहता है।
– दीपावली के दिन प्रातः गन्ना लाकर रात्रि में लक्ष्मी पूजन के साथ गन्ने की भी पूजा करने से आपकी धन संपत्ति में वृद्धि होगी।

– दीपावली के दिन नई झाड़ू खरीद कर लाएं और उससे ही पूरे घर की सफाई करने से दरिद्रता दूर होती है और माता लक्ष्मी घर में निवास करती हैं।
– संपूर्ण दीपावली की रात्रि ‘‘हत्था जोड़ी’’ को सामने रखकर ‘‘धनम देहि’’ मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से धन की प्राप्ति होती है।

– इस बार दीपावली बुधवार की है। इसलिए दीपक की बत्ती में हरा रंग लगाकर दीपक प्रज्जवलित करें। धन की वृद्धि होगी।
4. चौथे दिन : गोवर्धन पूजा:-

– इस दिन प्रातः उठकर गोबर से भगवान गोवर्धन को बनाकर उनकी व गायों की पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है।

– इस दिन अन्नकूट के उत्सव में शामिल होकर मंदिर में सामथ्र्य के अनुसार दान दें तो माता अन्नपूर्णा की कृपा सदैव बनी रहती है।
– इस दिन मथुरा गोवर्धन में जाकर गिरिराजजी की परिक्रमा करने से समस्त समस्याओं का अंत होता है।

5. पांचवें यानि आखिरी दिन : भाई दूज (यम द्वितिया):-

– इस दिन भाई और बहन दोनों के एक साथ यमुना नदी में स्नान करने पर उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
– भाईदूज पर बहन के द्वारा भाई को तिलक करने से उसकी आयु में वृद्धि होती है तथा भाई के बहन को उपहार देने से बहन के जीवन में संपन्नता का वास होता है।
– इस दिन चित्रगुप्त देव की भी पूजा की जाती है। स्वर्ग में धर्मराज का लेखा जोखा रखने वाले चित्रगुप्त की पूजा कर बही-खातों का पूजन करने से कारोबार बढ़ता है।

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