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बच्चों को भिक्षा नहीं, शिक्षा देकर सशक्त बनाएं

locationभोपालPublished: Apr 03, 2019 08:15:36 pm

Submitted by:

Rohit verma

भिक्षा मांगने वाले बच्चे मजबूरी में नहीं, किसी गैंग का शिकार भी हो सकते हैं

bhopal news

बच्चों को भिक्षा नहीं, शिक्षा देकर सशक्त बनाएं

भोपाल. किसी चौराहे, सड़कों पर बच्चों को भीख मांगते देख हमारी पहली प्रक्रिया क्या होती है, हम क्या सोचते हैं। हम जैसे अधिकतर लोगों को ऐसा लगता है कि हमारे कुछ देने से उन बच्चों का, परिवार का भला हो जाएगा। हमारे कुछ देने भर से बच्चा भीख मांगना बंद कर देगा, लेकिन सच्चाई इसके इतर है। यदि हमारे देने भर से इनका भला हो जाता तो से सालों तक भिक्षावृत्ति नहीं कर रहे होते। मध्य प्रदेश के हर हिस्से में भिक्षावृत्ति आम बात है।

भोपाल जिले की बात करें तो यहां शहर में किसी भी हिस्से में आपको बच्चे या तो अकेले या परिवार के साथ भिक्षावृत्ति करते मिल जाएंगे। इसके पीछे कई कारण हैं, परिवार की आर्थिक स्थिति का खराब होना ,भिक्षवृत्त की परंपरा, गैंग द्वारा बच्चों का इस्तेमाल किया जाना आदि है। शहर में बच्चों को भिक्षावृत्ति के दलदल से बाहर निकालने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग एवं स्वयंसेवी संस्थाएं आरंभ, मुस्कान, बचपन, एड एडिक्शन, सहारा साक्षरता, बचपन बचाओ आंदोलन, आवाज, एवं विशेष प्रकिया पुलिस, भोपाल पुलिस द्वारा खुशहाल नौनिहाल अभियान का संचालन किया जा रहा है।

 

अभियान के पहले चरण में बच्चों और ऐसे परिवारों का सर्वे किया जा रहा है, जो भिक्षावृत्ति में संलग्र हैं। सर्वे का उद्देश्य बच्चों एवं परिवारों की सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति को जानना है, ताकि उनके पुनर्वास के लिए योजना का निर्माण किया जा सके। दूसरे चरण में पुनर्वास पर काम किया जाएगा।

आज से आप इन्हें भीख देना बंद करें।
बच्चों को भिक्षा नहीं शिक्षा की जरूरत।
आप का दिया हुआ पैसा बच्चों के नहीं, बल्कि उन लोगों की जेब में जाता है, जो बच्चों से भीख मंगवाते हैं।
भिक्षा देकर असहाय न बनाएं।
आपके दिए हुए पैसों से किसी बच्चे का भविष्य बनता नहीं, बल्कि बिगड़ता है।
आप जैसे पैसे देते हैं इसलिए बच्चे भीख मांगने के लिए प्रेरित होते हैं।

बच्चों से भीख मंगवाना कानूनन अपराध
किशोर न्याय बालकों की देख-रेख एवं संरक्षण अधिनियम 2015 की धारा 76 के तहत किसी बालक लड़का व लड़की को भीख मांगने के लिए नियोजित करना या उनसे भीख मंगवाना दंडनीय अपराध है ।

 

सजा : पांच वर्ष तक का कारावास और एक लाख रुपए तक का जुर्माना
बच्चों से भीख मगवाते हैं तो माता-पिता, रिश्तेदार भी सजा के हकदार होंगे। ऐसे बच्चों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार ना करें। पुनर्वास के लिए बाल कल्याण समिति की सहायता लें। मुख्य चौराहे धार्मिक व सार्वजनिक स्थलों पर बच्चा भीख मांगता दिखे तो सूचित करें:

जिला बाल संरक्षण इकाई 0755-2530110,

बाल कल्याण समिति 0755-2670156,

चाइल्ड लाइन 1098/0755-22771090

क्या आप चाहते हैं बच्चे सड़कों या चौराहों पर भीख मांगना बंद करें: तो आइये इसे रोकें, क्योंकि बच्चों को भीख देना पुण्य नहीं है। आइये शपथ लेते हैं कि बच्चों को भीख देकर उन्हें असहाय नहीं, बल्कि शिक्षा दिलाकर उन्हें सशक्त बनाएंगे। बाल भिक्षा की रोकथाम के लिए हम सबको मिलकर यह काम करना होगा।

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