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भोपाल

नाटक से दिया संदेश ‘ आकार’ मर सकता है विचार नहीं

शहीद भवन में सम्मान समारोह व नाटक ‘आकार’ का मंचन
 

भोपालSep 19, 2018 / 10:09 am

KRISHNAKANT SHUKLA

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नाटक से दिया संदेश ‘ आकार’ मर सकता है विचार नहीं

भोपाल। डॉ. राजेन्द्र कुमार जनसपंर्क और पत्रकारिता संस्थान की ओर से मंगलवार को शहीद भवन में डॉ. राजेन्द्र कुमार स्मृति सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में रज्जु राय को राजेन्द्र कुमार जनसंपर्क सम्मान और सुनील मिश्रा को राजेन्द्र कुमार विजुअल आर्ट अवॉर्ड प्रदान किया जाएगा। समारोह के बाद नाटक ‘आकार’ का मंचन भी हुआ। नाटक का यह छठा शो था। नाटक के लेखक ललित सहगल हैं। डेढ़ घंटे के इस नाटक में 11 कलाकारों ने ऑनस्टेज परफॉर्म किया। नाटक का पहला शो पिछले साल गांधी भवन में किया गया था।

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नाटक की कहानी चार दोस्तों की उस योजना से प्रारंभ होता है, जब वे सब बंटवारे के समय गांधी की जीवन शैली और विचारधारा से असहमत होकर घृणा और क्रोध से भर जाते हैं। चारों मिलकर गांधी की हत्या की योजना बनाते हैं लेकिन एक मित्र कुछ बातों को लेकर असहमत होने लगता है और शुरू होचा है विचारों का खेल। उसके मित्र कहते हैं कि वह यह सिद्ध करे की गांधी की विचारधारा सही है, यदि नहीं कर पाया तो गांधी की हत्या निश्चित है। चारों दोस्त अपने आकार के रूप में स्वयं को जज, वकील, गवाह और आरोपी में परिवर्तित कर लेते हैं। गवाह बना पात्र भारत-पाक बंटवारे की वेदना बयां करते हुए गांधी के रवैये पर तर्क रखता है।
हत्या आकार की हो सकती है विचारों की नहीं

डायरेक्टर केजी त्रिवेदी का कहना है कि नआम दर्शक इसे महात्मा गांधी और बंटवारे में उनके द्वारा मुसलमानों के पक्ष में लिए जाने को लेकर देखेंगे, लेकिन इस नाटक का मूल व्यक्ति नहीं विचार है। एक ऐसा विचार जो सदियों से चला आ रहा है और उसका विरोध भी यथावत है। नाटक के अंत में यही प्रस्तुत किया गया कि व्यक्ति या उसके आकार की हत्या हो सकती है, लेकिन उसके विचारों की नहीं। यदि आकार के रूप में इस नाटक को देखेंगे तो सम्पूर्ण नाटक ‘गांधी विरुद्ध गोडसे’ या वैसी ही किसी विचारधारा के व्यक्ति तक सिमटकर रह जाएगा।
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