1. जब भी आप खड़े होते हैं, तो बैठने या लेटने की तुलना में आपके दिल को पंप करने में ज्यादा मेहनत करनी होती है। दरअसल होमोस्टैटिस की स्थिति बनाए रखने में आपके शरीर का बीपी भी ऊपर नीचे होता है। यह होमोस्टैटिस शारीरिक संतुलन की वह स्थिति है जो आपके शरीर के सिस्टम को ठीक तरह से काम करने में मदद करती है। और जब आप शरीर का पोश्चर अचानक बदलते हैं, तो आपके सिस्टम को एक झटका सा लगता है। कुछ इस तरह समझिए कि पॉश्चर बदलनते ही एक सैकंड के लिए आपके दिमाग तक रक्त नहीं पहुंच पाता। वह आपके शरीर के निचले हिस्से में ही जमा रहता है। जिसे दिमाग तक पहुंचने में एक मिनट तक का समय लग सकता है। यही वह समय का अंतराल है, जिसमें चक्कर आना स्वाभाविक है।
2. यदि आप पानी कम पीते हैं, तो यह भी खड़े होते समय चक्कर आने का कारण बनता है। दरअसल पानी कम पीने से आपके शरीर का तापमान बढ़ जाता है। और बाहर का वातावरण जैसे ही गर्म होता है, आपका बीपी लो हो जाता है और आपको चक्कर आने लगते हैं। खड़े होते समय चक्कर आएं तो घबराए नहीं दीवार या किसी चीज का सहारा लें और हाथ पैर हिलाकर ब्लड फ्लो को सामान्य करने की कोशिश करें।
3. अगर आप शराब का सेवन करते हैं, तो बता दें कि शराब के सेवन से ब्लड वेसल्स सिकुडऩे लगती हैं। इससे शरीर को बीपी का संतुलन बनाए रखने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। आपको चक्कर आने का यह बड़ा कारण हो सकता है। शराब का सेवन खाली पेट न करें। हो सके तो शराब का सेवन कम या पूरी तरह बंद कर दें।
4. जैसे ही आप कसरत करना शुरू करते हैं, आपकी मांसपेशियों में रक्त का प्रवाह तेज हो जाता है। जैसे ही आप रुकते हैं, ब्लड फिर से अपने स्थान पर पहुंचने की कोशिश करने लगता है। इससे फेफड़ों पर दबाव बढ़ता है और चक्कर आने लगते हैं। ऐसे में कसरत से पहले खूबसारा पानी पिएं और बीच-बीच में भी पानी पीते रहें।
5. खड़े होते समय चक्कर आ रहे हैं, तो इसका कारण दवाएं भी हो सकती हंै। कुछ दवाएं बीपी को बदल देती हैं। इनमें यूरीन बढ़ाने वाली दवाएं। दिल के रोगों में इस्तेमाल होने वाली दवाएं तथा ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने वाली दवाएं शामिल हैं। यदि आपको लग रहा है कि आपको चक्कर आ रहे हंै, तो तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें।
6. पोट्स, ऑर्थोस्टेटिक इनटॉलरेंस का एक अधिक गंभीर प्रकार है। यह ऐसी स्थिति है जब आपको हमेशा ही खड़े होने पर चक्कर या बेहोशी होती है। अगर आपको यह समस्या है तो आपका शरीर ब्लड प्रेशर को खुद से नियंत्रित नही कर सकता है। इसलिए शरीर का पॉश्चर बदलते ही लंबे समय तक चक्कर आना आम है।
7. इनके साथ ही गेस्ट्रोइनटेस्टाइनल, कान के अंदरूनी भाग की बीमारी और हार्मोनल परिवर्तन की वजह से आपको खड़े होने में चक्कर आ सकते हैं। ध्यान दें
अगर इस चक्कर से आप ज्यादा परेशान हैं यानी यह आपकी डेली लाइफ को इफेक्ट कर रहा है, तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास सलाह लेने जाना चाहिए।