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डॉक्टर ने लगाई फांसी-सुसाइड नोट में लिखा-मम्मी, मैं बैलेंस नहीं कर पा रहा था

locationभोपालPublished: Dec 02, 2021 02:43:31 pm

Submitted by:

Subodh Tripathi

मौत की जवाबदारी मेरी और किसी की नहीं है। मैं अपनी मां को बहुत मिस कर रहा हूं।

डॉक्टर ने लगाई फांसी-सुसाइड नोट में लिखा-मम्मी, मैं बैलेंस नहीं कर पा रहा था

डॉक्टर ने लगाई फांसी-सुसाइड नोट में लिखा-मम्मी, मैं बैलेंस नहीं कर पा रहा था

भोपाल. राजधानी भोपाल में एक चिकित्सक ने अपने ही कक्ष के अंदर अनोखे तरीके से फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली, फांसी लगाने से पहले चिकित्सक ने सुसाइड नोट में अपनी मां को याद करते हुए कुछ लाइनें लिखी हैं।

डॉक्टर ने लिखी यह बात
फांसी लगाने से पहले चिकित्सक ने लिखा- मैं अपने जीवन को बैलेंस नहीं कर पा रहा हूं। मम्मी मुझे माफ करना, सॉरी-सॉरी। मौत की जवाबदारी मेरी और किसी की नहीं है। मैं अपनी मां को बहुत मिस कर रहा हूं।
जानकारी के भोपाल के पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक अस्पताल के एक डॉक्टर ने अपने कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। हैरान करने वाली बात यह है कि उन्होंने फांसी लगाने से लगाने से पहले मुंह पर पट्टी और पैरों में भी रस्सी बांध रखी थी। इसी के साथ उन्होंने कमरे को अच्छे से लॉक कर दिया था, ताकि कोई उन्हें बचाने भी आए तो बचा नहीं पाए। उन्होंने फांसी लगाने से पहले सुसाइड नोट लिखा, लेकिन किसी को जवाबदार नहीं बताते हुए खुद सॉरी लिखा है।
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मां का भी हो गया निधन
एएसआई पांडे ने बताया कि डॉक्टर की शादी 2016 में हुई थी। जिसके एक माह बाद वह उन्हें छोड़कर चली गई थी, साल 2019 में उनका तलाक भी हो गया, वहीं शादी के आठ माह बाद ही उनकी मां का निधन हो गया था, इस कारण वे काफी तनाव में रहते थे।
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पत्नी से हुआ था तलाक
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चिकित्सक संजय गुप्ता (36) का अपनी पत्नी से तलाक हो गया था। इस कारण वे अधिकतर तनाव में रहते थे, पुलिस की जांच में भी यह तथ्य सामने आया है। एएसआई वीरमणि पांडे के अनुसार मऊगंज रीवा निवासी चिकित्सक संजय पिता शिरोमणि गुप्ता एमडी करने के बाद पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक कॉलेज से आयुर्वेद चिकित्सा में रिसर्च कर रहे थे। वे भोपाल के चूना भट्टी क्षेत्र में स्थित निर्मल कल्पना सोसायटी में रहते थे। उनके साथ डॉक्टर दीपक सोनी भी रहते थे, जिन्होंने बताया कि उनकी पोस्टिंग सतपुड़ा भवन में है। बुधवार सुबह 10.30 बजे ड्यूटी पर चले गए थे, इसके बाद संजय गुप्ता रूम में अकेले थे। जब शाम को ड्यूटी करके वापस लौटे तो दरवाजा अंदर से बंद था, जब काफी देर खटखटाने के बाद भी दरवाजा नहीं खोला तो संजय गुप्ता के मोबाइल पर फोन किया, लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया तो खिड़की से झांकने पर वे लटके नजर आए, इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी।
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