3500 किमी की यात्रा अब तक तीन हजार चिकित्सकों से की मुलाकात
3500 किमी की यात्रा अब तक तीन हजार चिकित्सकों से की मुलाकात
भोपाल. प्रदेश के कई विभागों के सरकारी डॉक्टर्स आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं। चिकित्सक महासंघ के बैनर तले ग्वालियर के गजराजा मेडिकल कॉलेज से शुरू हुई यात्रा 7 फरवरी को भोपाल आएगी। हालांकि पहले यह यात्रा 5 को भोपाल पहुंचनी थी। महासंघ के साथ जुड़ी मप्र प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ. राकेश मालवीय ने बताया कि यात्रा को उद्देश्य सरकार को हमारी परेशानी और समस्या से अवगत कराना है। उन्होंने इस आंदोलन को चिकित्सा बचाओ चिकित्सक बचाओ नाम दिया है। यात्रा अब तक 3500 किमी पूरी कर चुकी है। जिस दौरान करीब 3000 डॉक्टर्स ने अपना समर्थन दिया। इनमें चिकित्सा शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, ईएसआई, गृह विभाग के डॉक्टर्स शामिल हैं।
इस लिए निकाली गई यात्रा मप्र के सरकारी डॉक्टर्स केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई डीएसीपी (डायनामिक एश्र्योड कैरियर प्रोग्रेशन) स्कीम को लागू कराना चाहते हैं। जिसके लिए यह यात्रा निकाली जा रही है। डॉ. राकेश मालवीय ने बताया कि तीन संगठन इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। सरकारी क्षेत्र में डॉक्टर्स की कमी दूर करने और नए डॉक्टर्स को आकर्षित करने के लिए वर्ष 2008 में केंद्र सरकार ने डीएसीपी स्कीम बनाई। इस स्कीम के तहत सरकारी डॉक्टर्स को बिना किसी परेशानी के समय समय पर पदोन्नत किए जाने, वेतनवृद्धि किए जाने और अच्छा कैरियर बनाने के लिए बेहतर अवसर प्रदान करना है। वर्ष 2008 के बाद से अब तक देश के कई राज्य इस पॉलिसी को लागू कर अपने चिकित्सकों को लाभ पहुंचा रहे हैं, लेकिन मप्र में 14 साल बाद भी यह स्कीम लागू नहीं की गई है। इससे मप्र के चिकित्सकों में नाराजगी बढ़ रही है जो आंदोलन का रूप ले रही है।