इतना ही नहीं इस दौरान यहां इलाज के लिए पहुंचे लोगों को सही जानकारी देने वाला भी कोई कर्मचारी मौजूद था। परेशान होकर कई मरीज या तो निजी अस्पतालों में चले या इलाज के लिए भोपाल गए।
कोलार की तीन लाख की आबादी के स्वास्थ्य का भार अकेले उठाने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लोग इलाज के लिए परेशान हो रहे हैं। हालत यह है कि स्वास्थ्य केंद्र समय पर खुल तो जाता है, लेकिन यहां न डॉक्टर होते हैं और न ही स्टाफ। अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। समय पर इलाज नहीं मिलने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पिछले दिनों पत्रिका टीम ने अस्पताल की ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। अस्पताल कार्यालयीन समय में टीम को न तो यहां डॉक्टर्स मिले और न ही कार्यालय का स्टाफ मौजूदा। इतना ही नहीं ओपीडी की पर्ची काटने वाला काउंटर भी बंद था।
बताते चलें इस इलाके में यह अकेला सरकारी अस्पताल है इसके अलावा निजी अस्पतालों में मरीजों से खुली लूट हो रही है। इस लूट से बचने के लिए लोग या तो यहां आते हैं या फिर यहां इलाज नहीं मिलने की स्थिति में भोपाल जाते हैं।
कराहता बच्चा, दौड़ते रहे परिजन
इसी दिन यहां अपने भतीजे भास्कर को लेकर पहुंचे राकेश दवे पर्ची बनाने से लेकर डॉक्टर को ढूंढने में व्यस्त दिखे। सुबह 8.30 बजे यहां पहुंचे दवे ने बताया कि एक घंटा हो गया है, लेकिन यहां न तो डॉक्टर हैं और न ही अन्य स्टाफ है। 9.30 बजे के बाद महिला डॉक्टर यहां पहुंची और बिना पर्ची के ही इलाज शुरू हुआ।
9 बजे सफाई 10 बजे स्टाफ
अस्पताल के खुलने का समय सुबह 8 बजे है, लेकिन 10 बजे तक यहां न तो डॉक्टर पहुंचते हैं और न ही लिपिकीय स्टाफ। हद तो यह है कि सुबह 9 बजे अस्पताल में सफाई का काम शुरू किया गया। इससे स्पष्ट है कि अस्पताल में रोकटोक के लिए कोई जिम्मेदार अधिकारी ही समय पर नहीं पहुंचते। 9.30 बजे स्टाफ के आने बाद भी मेडिकल स्टोर 10 तक खुलता है। 9.30 के बाद ही अस्पताल में डॉक्टर और अन्य स्टाफ पहुंचना शुरू होते हैं।
अगला सरकारी अस्पताल 15 किमी दूर
कोलार में अगर मरीजों को इलाज नहीं मिल पाता है तो अगला सरकारी अस्पताल यहां से 15 किमी दूर है। इस इलाके में कोलार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाद 1210 स्थित जेपी अस्पताल जाना पड़ता है। इस अस्पताल की दूरी यहां से 11 किमी है। इसके बाद हमीदिया की दूरी कोलार से करीब 15 किमी दूर है।
बताते चलें कोलार सीएचसी दोपहर में 1 बजे से शाम 5 बजे तक बंद रहता है। , हालांकि इस दौरान यहां इमरजेंसी की सुविधा है, लेकिन तय समय जब यहां डॉक्टर नहीं रहते हैं तो इमरजेंसी की बात भी बेमानी है।
इस दिन में फील्ड में गया हुआ था, लेकिन मेरा स्टाफ मौजूद था। जब यह लोग पहुंचे होंगे तक स्टाफ राउंड पर रहा होगा, ओपीडी में भी डॉक्टर थे। फिर भी मैं दिखवाता हूं ऐसा क्यों हुआ।
डॉ. अरविंद टंडन, प्रभारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कोलार