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भोपाल

मां की गोद में दर्द से तड़पता रहा युवक, इलाज की गुहार लगाते रहे पिता, हड़ताल पर थे डॉक्टर

मेडिकल टीचर्स की हड़ताल, 45 ऑपरेशन टले, 300 मरीज बिना इलाज लौटे मांगों के समर्थन में हमीदिया और सुल्तानिया में मेडिकल टीचर्स ने नहीं किया काम

भोपालJul 18, 2019 / 12:09 pm

KRISHNAKANT SHUKLA

doctor strike bhopal

मां की गोद में दर्द से तड़पता रहा युवक, इलाज की गुहार लगाते रहे पिता, हड़ताल पर थे डॉक्टर

भोपाल. दुघर्टना ( accident ) में गंभीर रूप से घायलरामस्वरूप (25) हमीदिया अस्पताल ( hamidia hospital ) की ओपीडी ( OPD ) में दर्द से तड़पता रहा। कभी वो मां की गोद में सिर रखकर करहाता तो कभी पिता का हाथ पकड़ता। बेटे को दर्द से परेशान देख पिता यहां-वहां इलाज की गुहार लगाते रहे।

डॉक्टर उसे एक से दूसरे डिपार्टमेंट भेजते रहे। वहीं पटेल वार्ड में शाजापुर से आए गफूर खान(65) परेशान थे, उन्हें कोई देखने को तैयार नहीं था। यह हालात बुधवार को हमीदिया अस्पताल की थे। मेडिकल टीचर्स की एक दिन की हड़ताल के कारण व्यवस्थाएं चरमरा गईं। न ऑपरेशन हुए न ही मरीजों को भर्ती किया गया।

 

ओपीडी में मरीजों की भीड़ लगी रही। हड़ताल का असर यह हुआ कि हमीदिया और सुल्तानिया अस्पताल में बुधवार को 45 से ज्यादा ऑपरेशन टाल दिए गए। इसके साथ ही 300 से ज्यादा मरीज बिना इलाज के लौट गए।

सरकार ने हड़ताल को रोकने के लिए मंगलवार को एस्मा (इसेंशियल सर्विसेस मेंटिनेंस एक्ट) लागू किया था। इसके बावजूद मेडिकल टीचर्स ने काम नहीं किया। दोपहर में मुख्य सचिव एसआर मोहंती से आश्वासन मिलने के बाद मेडिकल टीचर्स ने हड़ताल वापस ली और काम पर लौट आए।

काउंसिलिंग में भी हुई दिक्कत

हड़ताल के चलते मेडिकल टीचर्स ने नीट यूजी काउंसिलिंग में भी शामिल नहीं हुए। इससे गांधी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने आए छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दोपहर 3 बजे के बाद काउंसिलिंग काम सुचारू हो गया।

सातवें वेतनमान को लेकर हड़ताल

चिकित्सा शिक्षक सातवां वेतनमान, ग्रेड-पे सहित अन्य लाभ की मांग कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव के पहले भी सातवें वेतनमान के लिए आंदोलन की रूपरेखा तैयार की थी। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन तत्कालीन एसीएस से मिले थे। उन्हें ‘आयुष्मान भारत योजना’ में इलाज करने पर प्रोत्साहान राशि देने और निजी प्रैक्टिस नहीं करने को कहा गया था। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने दोनों शर्तों को अमान्य करते हुए सातवां वेतनमान देने की मांग की थी।

जूडा ने संभाली ओपीडी

कंसलटेंट के काम ना करने पर जूनियर डॉक्टरों ने ओपीडी संभाली। कंसलटेंट ना होने से सुल्तानिया, हमीदिया अस्पताल में 40 से ज्यादा ऑपरेशन टल गए। हमीदिया में हर रोज 40 से 45 ऑपरेशन होते हैं। सोमवार को सिर्फ पांच ही हुए। सुल्तानिया जहां 15 से 16 ऑपरेशन होते हैं, 7 ही हुए।

अनिश्चितता की रही स्थिति

मुख्य सचिव मोहंती से मिलने के बाद जीएमसी के मेडिकल टीचर्स ने तो हड़ताल समाप्त कर दी। अन्य मेडिकल कॉलेज में अनिश्चितता की स्थिति रही। मुख्य मुद्दों के साथ सभी मेडिकल कॉलेजों में अपने मुद्दे हैंं। मोहंती से मिलने सिर्फ भोपाल के डॉक्टर पहुंचे। हड़ताल खत्म करने का निर्णय ले लिया।

तीन दिन में होगी मांगों को लेकर घोषणा

मेडिकल टीचर्स का कहना है कि सरकार ने उनकी मांगों को मान लिया। विभागीय मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ने कहा कि उन्हें सातवें वेतनमान की घोषणा तीन दिन में हो जाएगी। अगली कैबिनेट में इसे लागू कर दिया जाएगा। अन्य मांगों के लिए 22 से 24 जुलाई को बैठक होगी। आश्वासन के बाद मेडिकल टीचर्स ने 24 से 26 की हड़ताल को स्थगित कर दिया है।

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