scriptअस्पतालों में डॉक्टर सुबह 9 बजे तक नहीं पहुंचे, 4 बजे से पहले नदारद | Doctors did not arrive at the hospital at 9 o'clock | Patrika News
भोपाल

अस्पतालों में डॉक्टर सुबह 9 बजे तक नहीं पहुंचे, 4 बजे से पहले नदारद

प्रदेश का हाल: स्वास्थ्य मंत्री को भी गायब मिले डॉक्टर
 

भोपालJun 04, 2019 / 09:15 am

Amit Mishra

news

अस्पतालों में डॉक्टर सुबह 9 बजे तक नहीं पहुंचे, 4 बजे से पहले नदारद

भोपाल। प्रदेश सरकार के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सुबह 9 से अपरान्ह 4 बजे तक (सात घंटे) खोलने के आदेश का पालन कई जिलों में पहले दिन ही नहीं हुआ। मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा और राजधानी भोपाल के जिला अस्पताल में भी डॉक्टर समय पर नहीं पहुंचे तो कई जगह ओपीडी चार बजे से पहले बंद हो गई। अधिकतर चिकित्सा अधिकारियों ने आदेश नहीं मिलने का बहाना बनाया। भोपाल के जिला अस्पताल में तो स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट को भी कुछ डॉक्टरों के कक्ष में ताले मिले। पढि़ए कहां क्या स्थिति रही…


आदेश की जानकारी भी दी थी
जबलपुर के जिला अस्पताल व रानी दुर्गावती महिला अस्पताल सहित सिविल अस्पतालों में ओपीडी नए समय से नहीं खुली। सीएमएचओ डॉ. एमएम अग्रवाल का कहना है कि आदेश सोमवार को मिला है।

आदेश का पालन किया
छिंदवाड़ा जिला अस्पताल में कुछ डॉक्टरों ने आदेश का पालन किया, लेकिन अधिकतर ओपीडी से नदारद दिखे। सिविल सर्जन डॉ. सुशील राठी ने बताया कि उन्होंने बैठक कर डॉक्टर्स को नए आदेश की जानकारी भी दी थी।

सोमवार को वाट्सऐप पर मिला
बालाघाट जिला अस्पताल में नए निर्देश का पालन नहीं हुआ। सीएमओ डॉ. एके जैन के अनुसार उन्हें अखबारों व सोशल मीडिया के माध्यम से नए नियमों की जानकारी मिली थी। आदेश सोमवार को वाट्सऐप पर मिला है।


ओपीडी नए समय पर खोली जाएगी
ग्वालियर जिला अस्पताल में सुबह साढ़े 9 बजे डॉक्टरों के कई चैंबर खाली पड़े थे। कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल भी दोपहर 2 बजे तक इंतजार करते रहे, पर डॉक्टर नहीं मिले। मरीजों ने बताया कि कई डॉक्टर सुबह 11 बजे तक भी नहीं पहुंचते हैं। मंदसौर जिला अस्पताल में सुबह नौ बजे एक भी डॉक्टर नहीं था। मुरैना में भी डॉक्टर जिला अस्पताल की ओपीडी में समय से नहीं पहुंचे। सिविल सर्जन डॉ. अधीर मिश्रा ने बताया कि मंगलवार से ओपीडी नए समय पर खोली जाएगी।


मंगलवार से समय बदला जाएगा
रतलाम जिला अस्पताल में भी नए आदेश का पालन नहीं किया गया। सिविल सर्जन आनंद चंदेलकर ने बताया कि सोमवार को आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। मंगलवार से आदेश बांटे जाएंगे। नीमच जिला अस्पताल में प्रभारी डॉ. मनीष यादव का कहना है कि बदलाव संबंधी आदेश सोमवार को ही मिला है। मंगलवार से समय बदला जाएगा।

news 4

डॉक्टर नहीं लौटे
छतरपुर जिला अस्पताल में ओपीडी बंद होने के बाद आदेश पहुंचा। इस वजह से दोपहर एक बजे के बाद आने वाले मरीजों को आकस्मिक सेवा में ही इलाज की सुविधा मिल पाई। खरगोन जिले में डॉक्टर सवा 12 बजे ही अस्पताल से लौट गए। बड़वानी जिले में लंच से आधे घंटे पहले ही ओपीडी से चले गए डॉक्टर, बाद में नहीं लौटे।


अस्पताल मरीज नहीं पहुंचे
उज्जैन जिला अस्पताल और चरक अस्पताल सुबह नौ बजे खुल गया, लेकिन दोपहर बाद ओपीडी में मरीज नहीं होने के कारण एक बजे कुछ डॉक्टर चले गए। इसी तरह सागर जिला अस्पताल में भी हुआ। मरीजों को समय में बदलाव की जानकारी नहीं होने से दोपहर एक बजे के बाद अस्पताल मरीज नहीं पहुंचे। डॉक्टर भी ओपीडी में दिखे। टीकमगढ़ जिला अस्पताल में दोपहर एक बजे के बाद कोई डॉक्टर नजर नहीं आया।


जेपी में पहुंचे मंत्री
भोपाल के जेपी जिला अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में नए आदेश का असर नहीं दिखा। स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट सोमवार को दोपहर में जेपी अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे थे। उन्हें कई डॉक्टरों के कक्ष में ताले लगे हुए थे। कुछ मरीज आठ बजे ही पहुंच गए थे, लेकिन उन्हें इलाज के लिए 10 बजे तक इंतजार करना पड़ा। कुछ डॉक्टर तो 11 बजे पहुंचे। कई डॉक्टर डेढ़ बजे लंच में निकले तो साढ़े तीन बजे लौटे। जेपी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आईके चुघ के अनुसार रविवार को सभी डॉक्टरों तक सर्कुलर पहुंच नहीं पाया था। आदेश का मंगलवार से सख्ती से पालन कराया जाएगा।

news 5

फर्श पर डिलेवरी की जांच रिपोर्ट दो दिन में दें, ऐसा दोबारा नहीं हो

भोपाल जेपी जिला अस्पताल में रविवार को फर्श पर हुई डिलेवरी और नवजात की मौत जैसी घटनाएं प्रदेश के अन्य सरकारी अस्पताल में न हों ऐसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। अस्पतालों में वार्ड बॉय, स्ट्रेचर, व्हीलचेयर की संख्या बढाएं। जेपी अस्पताल की घटना की पूरी जांच रिपोर्ट दो दिन में दें। बताएं कि इसमें किसकी लापरवाही रही।
ये निर्देश स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट ने मंगलवार को जेपी अस्पताल में अधिकारियों के साथ बैठक में दिए। उन्होंने अस्पताल का निरीक्षण भी किया। मंत्री सबसे पहले भर्ती सुजीता और पति राजकुमार राठौर से मिले, जिनके साथ घटना हुई थी। मंत्री सिलावट ने घटना की जांच कर दो दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।

व्यवस्थाएं दुरूस्त दिख रहीं थीं
इधर मंत्री के आने की सूचना अस्पताल प्रशासन को पहले ही मिल गई थी। इसलिए सुबह से ही चारों तरफ सफाई अभियान चला और सभी वार्डों के चादर बदले गए। नई व्हील चेयर भी रख दी गई। सभी व्यवस्थाएं दुरूस्त दिख रहीं थीं।


दो दिन में करें जरूरी उपकरणों की आपूर्ति
मंत्री ने जब नेत्र रोग विभाग गए तो डॉक्टरों ने बताया कि कुछ उपकरणों की जरूरत है, जिससे जांच में और सुविधा होगी। इस पर उन्होंने कहा कि अस्पताल के उपकरणों व अन्य जरूरतों की सूची उनके पास भेजें। इस पर अधीक्षक ने बताया कि सूची शासन को भेज चुके हैं। इसके बाद उन्होंने दोबारा सूची भेजने के लिए कहा और संचालक स्वास्थ्य डॉ. बीएन चौहान से कहा कि वे दो दिन में उपकरणों की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

 

 

इमरजेंसी वार्ड में मरीजों से मिले
मंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक की और उसमें उनसे समस्याओं और उसके समाधान पर चर्चा की। इसके बाद उन्होंने अस्पताल में निरीक्षण शुरू किया। वे इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे और वहां भर्ती मरीजों से व्यवस्था की जानकारी ली।

ना मरीजों ने पहचाना ना ही कर्मचारियों नें
मंत्री ने स्टाफ और मरीजों से पूछा कि क्या वे उन्हें पहचानते हैं। इस पर सभी ने मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने यह भी पूछा कि प्रदेश का स्वास्थ्य मंत्री कौन है, तो मरीज नहीं बता सके। बाद में स्टाफ ने मरीजों को मंत्री से परिचय कराया।

 

भाजपा ने घेरा मंत्री का बंगला, मांगा इस्तीफा
भोपाल. जेपी अस्पताल में फर्श पर डिलेवरी होने और नवजात की मौत होने के मामले को लेकर भाजपा ने स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के बंगले का घेराव कर इस्तीफे की मांग की। हालांकि बंगले से पहले ही पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोक लिया।


भाजपा के महिला मोर्चा एवं चिकित्सा प्रकोष्ठ ने आरोप लगाया है कि फर्श पर डिलेवरी और नवजात की मौत के जिम्मेदार विभागीय मंत्री हैं। भाजपा जिला अध्यक्ष विकास विरानी का आरोप है कि घटना पर सरकार गंभीर नहीं है। मंत्री प्रचार-प्रचार के लिए अस्पताल पहुंचकर हंसी-ठिठोली कर रहे हैं। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

Home / Bhopal / अस्पतालों में डॉक्टर सुबह 9 बजे तक नहीं पहुंचे, 4 बजे से पहले नदारद

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो