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डॉक्टरों से छिन सकता है अधिकार, हाईकोर्ट ने दिया निर्णय

locationभोपालPublished: Aug 12, 2018 10:49:57 am

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

हाईकोर्ट के निर्णय के बाद, आयुर्वेद डॉक्टरों से छिन सकता है एलोपैथिक प्रैक्टिस का अधिकार

Doctor's Rights

डॉक्टरों से छिन सकता है अधिकार, हाईकोर्ट ने दिया निर्णय

भोपाल. प्रदेश के एलोपैथिक अस्पतालों में काम कर रहे 843 आयुर्वेद डॉक्टरों से एलोपैथिक प्रैक्टिस का अधिकार छिन सकता है। दरअसल, होम्योपैथिक डॉक्टर्स की आइडियल केयर एसोसिएशन द्वारा एलोपैथिक प्रैक्टिस का अधिकार मांगने वाली याचिका को हाईकोर्ट की इंदौर खण्डपीठ ने खारिज कर दिया है।

अपने निर्णय में कोर्ट ने कहा कि आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा व यूनानी डॉक्टर्स एलोपैथी अथवा एलोपैथिक पद्दति से इलाज नहीं कर सकते। विशेषज्ञों का कहना है कि इस निर्णय से साफ है कि जो जिस पैथी का डॉक्टर है, वह उसी पैथी में इलाज कर सकता है।

चिकित्सकों को दी गई थी विशेष ट्रेनिंग
सरकार ने एमबीबीएस डॉक्टरों की कमी के चलते शासकीय एलोपैथिक अस्पतालों में संविदा पर काम कर रहे 843 आयुर्वेद डॉक्टरों ऐलोपैथ की विशेष ट्रेनिंग दी थी। 72 प्रकार की एलोपैथिक दवाएं देने का अधिकार था। वहीं केंद्र ने भी एलोपैथिक प्रैक्टिस वाले ब्रिज कोर्स को राज्यों पर छोड़ दिया है।

सरकार को हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखना था। निजी आयुर्वेद डॉक्टरों को भी इमरजेंसी के लिए विशेष ट्रेनिंग देकर तय सीमा में एलोपैथिक प्रैक्टिस का अधिकार देने का प्रयास करना चाहिए। हम माननीय न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं।
डॉ. राकेश पाण्डेय, प्रवक्ता, आयुष मेडिकल एसोसिएशन

हड़ताल कर रहे आयुर्वेदिक कॉलेज के जूनियर डॉक्टर
इधर, स्टायपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर तीन दिन से हड़ताल कर रहे आयुर्वेदिक कॉलेज के जूनियर डॉक्टर अब अपना आंदोलन और उग्र करेंगे। इसके तहत वे रविवार को अपनी डिग्रियों का दहन करेंगे। इसके बाद भी अगर सरकार उनकी बात नहीं मानता है तो वे सड़कों पर उतरने से भी गुरेज नहीं करेंगे। इधर बीते तीन दिनों से जारी हड़ताल के चलते पंडित खुशीलाल आयुर्वेदिक हॉस्पिटल में हालात बदतर हो गए हैं। यहां ना तो मरीजों को इलाज मिल पा रहा है ना ही उनकी जांच हो पा रही है।

शनिवार को भी कई मरीज बिना इलाज के ही लौट गए। हालांकि कॉलेज प्रबंधन ने हड़ताल के असर को कम करने के लिए कंसलटेंट की ड्यूटी ओपीडी में लगाई है लेकिन इससे मरीजों को राहत नहीं मिल रही। गौरतलब है कि अपने स्टायपेंड को लेकर आयुर्वेदिक जूनियर डॉक्टर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। जूडा का कहना है कि अन्य राज्यों में जूडा को 62 हजार रुपए प्रतिमाह स्टायपेंड मिलता है जबकि यहां सिर्फ 27 हजार रुपए। इससे ज्यादा तो फीस जमा करनी पड़ती है।

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