राज्य पशु चिकित्सालय की ही बात करें तो यहां हर पशुओं के इलाज के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। देशी से लेकर विदेशी नस्ल के पशुओं का यहां इलाज होता है। कुछ पशु मालिक तो ऐसे भी होते हैं जो जर्मन शेफर्ड जैसे विदेशी नस्ल के श्वान लेकर पहुंचते हैं। विदेशी नस्ल और महंगे श्वान के बावजूद भी यदि साथ आया व्यक्ति बीपीएल कार्ड दिखाता है तो उसे सस्ता इलाज देना मजबूरी है। हालांकि प्रबंधन ने अब इस मामले में सख्ती करते हुए बीपीएल कार्ड के साथ आधार कार्ड भी देखना शुरू किया है। इससे ऐसे प्रकरणों में कमी दर्ज हुई है।
रोगी कल्याण समिति तय करती है दरें –
पशुओं के इलाज सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए पशु चिकित्सालयों में रोगी कल्याण समिति गठित है। यह समिति ही पशुओं के इलाज के लिए फीस निर्धारित किए जाने सहित अन्य मामलों पर निर्णय लेती है। सभी चिकित्सालयों में ऐसी ही व्यवस्था लागू है। इसी आधार पर यहां इलाज की दरें तय की जाती हैं। दरे ंतय करने में आर्थिक आधार को महत्व दिया गया है।
यह है इलाज का शुल्क –
पशु उपचार सुविधा – एपीएल पशु – बीपीएल पशु
रोगी पंजीयन (बकरी, बिल्ली, गाय, बेल, भैंस) – 10 रुपए – नि:शुल्क
रोगी पंजीयन (प्रति स्वान) – 20 रुपए – नि:शुल्क
एक्स-रे – 150 रुपए – 30 रुपए
सोनोग्राफी प्रति पशु – 200 रुपए – 50 रुपए
सीटी स्केन – 1600 रुपए – 1200 रुपए
मोतियाबिंद सर्जरी की दर – 1000 रुपए – 700 रुपए
फेक्चर ऑपरेशन मेजर – 1000 रुपए – 500 रुपए
फेक्टर ऑपरेशन माइनर – 500 रुपए – 300 रुपए
ईसीजी सभी पशु – 100 रुपए – 50 रुपए
– लाखन सिंह यादव, पशुपालन मंत्री