मोबाइल की तरह इसमें सिम रहेगी(मोबाइल की तरह होगा सिम, ऐप से उपभोक्ता के पास हर पल की रीड़िंग का डाटा रहेगा, गड़बड़ी नहीं होगी)। मोबाइल ऐप से उपभोक्ता के पास भी हर पल कीरीड़िंग का डाटा रहेगा। ऑनलाइन खुद ही बिल बनकर ऐप व अन्य माध्यमों से उपभोक्ता को मिल जाएगा। यहीं से बिल जमा भी हो जाएगा।
करीब 2000 करोड़ रुपए का बड़ा खर्च करने की कवायद है। केंद्र सरकार ने करीब चार माह पहले ही प्री-पेड स्मार्ट मीटङ्क्षरग को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी थी। चरणबद्ध तरीके से इस पर काम करना है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लंबे समय से इसे लेकर योजना तैयार कर रही थी।
अब इसके लिए एजेंसी की तलाश शुरू की है। यदि प्रोजेक्ट में कोई दिक्कत नहीं आती है और तय योजना के अनुसार काम आगे बढ़ता है तो 2023 में आम नागरिकों के यहां स्मार्ट प्री पेड मीटर नजर आ सकते हैं। एडवांस बिल जमा होगा और जमा राशि खत्म होते ही बिजली खुद बंद हो जाएगी। बिजली अधिनियम 2022 में भी इसे शामिल किया हुआ है।
इसके आधार पर ही मोबाइल नेटवर्क की तरह बिजली की व्यवस्था हो पाएगी। प्री पेड स्मार्ट मीटर के लिए ग्लोबल टेंडङ्क्षरग की जा रही है। यानि देश के साथ विदेशी कंपनियां भी इसमें भागीदारी कर सकेगी। गौरतलब है कि इससे पहले स्काडा समेत कॉल सेंटर बनाने में भी चीन व अन्य देशों की कंपनियों ने भागीदारी की थी।