scriptअधिकारी बोले- ओबीसी वर्ग के लिए कोर्ट के अंतिम निर्णय का इंतजार, शिक्षक बोले- अंतिम चयन सूची तो जारी कर सकते हैं | DPI OBC Shikshak Andolan DPI Dharna | Patrika News

अधिकारी बोले- ओबीसी वर्ग के लिए कोर्ट के अंतिम निर्णय का इंतजार, शिक्षक बोले- अंतिम चयन सूची तो जारी कर सकते हैं

locationभोपालPublished: May 30, 2022 10:47:01 pm

Submitted by:

shyam singh tomar

– लोक शिक्षण संचालनालय के बाहर ओबीसी वर्ग के शिक्षकों को धरना देते 71 दिन गुजरे, इसी बीच 10 दिन की भूख हड़ताल, मुण्डन, मंत्रियों को ज्ञापन की कवायद भी बेअसर- हल्लाबोल का असर…. अभ्यर्थियों ने बताया कि डीपीआई के जिम्मेदारों ने एक बार फिर मांगों संबंधी लिखित ज्ञापन लिया तो मंत्रालय से भी पांच सदस्यों के पास मिलने के लिए फोन आया

डीपीआई के अधिकारी बोले- ओबीसी वर्ग का प्रकरण कोर्ट में, अंतिम निर्णय का इंतजार, शिक्षक अभ्यर्थी बोले- अंतिम चयन सूची जारी करें, वह प्रकरण तो कोर्ट-कचहरी में नहीं

डीपीआई के अधिकारी बोले- ओबीसी वर्ग का प्रकरण कोर्ट में, अंतिम निर्णय का इंतजार, शिक्षक अभ्यर्थी बोले- अंतिम चयन सूची जारी करें, वह प्रकरण तो कोर्ट-कचहरी में नहीं

भोपाल. मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा-2018 के तहत नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर ओबीसी वर्ग के चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों को लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) के बाहर सड़क पर अनिश्चितकालीन धरने को 71 दिन गुजर चुके हैं। इस दरमियान उन्होंने भूख हड़ताल, मुण्डन, भीख मांगने, जूता पॉलिश, मंत्री-नेताओं को ज्ञापन सौंपने जैसे बीसियों जतन किए लेकिन शासन के सामने सारी कवायद बेअसर साबित हुई। इसी को देखते हुए सोमवार को एक बार फिर डीपीआई परिसर में हल्लाबोल किया गया। सुबह 11 बजे से नारेबाजी और घेराव का क्रम शुरू हुआ जो दोपहर बाद तक चलता रहा। इस दरमियान महिला अभ्यर्थियों ने रो-रोकर कहा- मामाजी नियुक्ति दो या मुक्ति दो। नर्मदापुरम् की अभ्यर्थी निहारिका वर्मा का कहना था कि अब घर नहीं जा सकते, क्योंकि समाज और परिवार ज्वॉइनिंग को लेकर मजाक उड़ाता है। अपने बेटे और पति को क्या जवाब दूं। गर्मी के चलते कुछ महिलाएं गश खाकर गिरती रहीं। इसका असर यह हुआ कि डीपीआई से लेकर मंत्रालय तक के जिम्मेदारों ने इनके प्रतिनिधियों से मिलने-जुलने का सिलसिला शुरू किया।
ढाई घण्टे प्रदर्शन के बाद संचालक ने बात की, उसके बाद आयुक्त ने ज्ञापन लिया
सुबह 11 बजे शुरू हुए प्रदर्शन के ढाई घण्टे बाद दोपहर में 1.30 बजे आयुक्त अभय वर्मा की अनुपस्थिति में डीपीआई संचालक केके द्विवेदी ने आकर ओबीसी शिक्षक अभ्यर्थियों से बात की। सबसे पहले अभ्यर्थी बोले- हम 70 दिन से धरना दे रहे हैं, आप लोगों ने अभी तक नियुक्ति के लिए कोई प्रयास क्यों नहीं शुरू किए। द्विवेदी बोले- 14 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं दे सकते, कई अवमानना के इश्यू चल रहे हैं। कोर्ट से जैसा निर्णय होगा, उसके आधार पर आगे की प्रक्रिया होगी… और अभी प्रक्रिया रुकी नहीं है। प्रक्रिया आपका भविष्य उज्ज्वल है, आप लोग धरना खत्म क्यों नहीं करते। इसके बाद बोले- मेरे पास इतना ही कहने को है, और प्रश्न होंगे तो पांच लोग मेरे कार्यालय आ जाएं। इस पर कुछ अभ्यर्थी बोले कि हम लिखित में आप से आश्वासन चाहते हैं, उन्होंने कहा- जैसा चाहेंगे देंगे। इसके बाद अपराह्न 3.00 बजे अभ्यर्थी अपनी मांगों संबंधी ज्ञापन लेकर आयुक्त अभय वर्मा से मिले। अभ्यर्थियों के अनुसार उन्होंने डराने की कोशिश की। कहा कि जो लोग सेवा में 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ नियुक्ति पा चुके हैं, अगर कोर्ट से उक्त प्रतिशत आरक्षण को लेकर फैसला नहीं आता है तो उन्हें निकाल दिया जाएगा। कोर्ट से जो भी आदेशित किया जाएगा, उसे लागू करेंगे। आप लोग सरकार से बात करें।
पुलिस का रवैया सहयोगात्मक, डीपीआई के चौकीदार भिड़ते रहे
धरना-प्रदर्शन और उसके बाद अभ्यर्थियों की ओर से विरोध स्वरूप गौतम नगर में सड़कों पर चाय और किताबें बेचने के दौरान पुलिस के अधिकारियों और कर्मियों का रवैया सहयोगात्मक रहा। वे नारेबाजी और प्रदर्शन के दौरान चाक-चौबंध रहे लेकिन डीपीआई आने वालों का आना-जाना भी सुचारू बनाए रहे। उधर, डीपीआई के चौकीदार इस दरमियान जरूर आक्रोशित होते रहे। वे कभी मीडियाकर्मियों को रोकते, उनसे भिड़ते तो कभी दूरदराज से अपने काम के लिए आए शिक्षकों से। चौकीदार अधिकारियों के निर्देश के नाम पर अक्सर इसी तरह की हुज्जत करते रहते हैं।
मंत्रालय से कॉल आया, पांच अभ्यर्थियों को मिलने बुलाया
शाम 4 बजे ओबीसी शिक्षक अभ्यर्थियों में से एक सदस्य महेंद्र यादव के पास मंत्रालय के अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग से मिलने के लिए कॉल आया। इसके बाद प्रतिनिधि के रूप में पांच सदस्य तैयार हुए तो दोबारा फोन आया कि अब आप कल आएं। हालांकि ये सब बेहद गोपनीय तरीके से किया जा रहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो