पुलिस ने फटकारा, अधिकारियों ने नकारा
दोपहर में 12 बजे परिसर के अंदर नारेबाजी कर रहे शिक्षकों को पुलिस वालों ने रोका। पुलिस अधिकारियों का कहना था कि उन्हें बाहर सड़क पर धरने और प्रदर्शन की परमिशन है, इसलिए वहीं जो करना है, करें। काफी देर तक नारेबाजी के बाद पुलिस की निगरानी में डीपीआई की ओर अपर संचालक कामना आचार्य ने शिक्षकों के बीच से पांच लोगों का प्रतिनिधि मंडल अपने कक्ष में बुलाया। वहां उनसे कहा कि जब तक कोर्ट का निर्णय नहीं आएगा, तब कोई भर्ती आगे नहीं बढ़ेगी। न ही ओबीसी वेटिंग सूची के अभ्यर्थियों को ज्वॉइनिंग दी जाएगी। इसके बाद शिक्षकों ने आयुक्त अभय वर्मा से मिलने के लिए पर्ची भेजी। वर्मा ने भी अभ्यर्थियों को बुलाया और उनसे कहा कि प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन है। अत: प्रतीक्षा करें, जो भी निर्णय होगा, उसके हिसाब से आगे फैसला लिया जाएगा।
अभ्यर्थियों का कहना है कि एलाइड विषय और डबल डिग्री वाले चयनित शिक्षकों को कोर्ट के निर्णय के अधीन ज्वॉइनिंग दी जा रही है। जबकि ओबीसी वर्ग के चयनित शिक्षकों के लिए कोर्ट में प्रकरण होने का हवाला देकर परेशान किया जा रहा है। ये दोहरा रवैया क्यों अपनाया जा रहा है, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।