तीन कहानियों का कोलाज
बेशर्ममेव जयते बेशर्मों की तीन कहानियों का कोलाज है। नाटक की पहली कहानी यह जो एक टेंशन है… है। इसकी शुरूआत राधेलाल नामक किरदार से होती है। जो बहुत ज्यादा संपन्न हैं, लेकिन उनको टेंशन है। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहे परिदृश्य को लेकर हमेशा परेशान रहता है। नाटक में दूसरा कैरेक्टर कपूर साहब हैं, उन्हें क्रिकेट का टेंशन है। वहीं तीसरे पात्र घनश्याम जॉली को इस बात की टेंशन है कि उसको टेंशन क्यों नहीं है। वहीं, मक्खी कहानी में ऐसे लोगों को दिखाया गया कि लोग स्वयं का काम निकलवाने के लिए मक्खी की तरह चिपक जाते हैं। वहीं, तीसरी कहानी जाना है पुलिस वालों के यहां बारात में… की कहानी हास्य और व्यंग्य से परिपूर्ण है। इसमें दिखाया गया है कि लोग किस तरह पुलिस से भय खाते हैं।
बेशर्ममेव जयते बेशर्मों की तीन कहानियों का कोलाज है। नाटक की पहली कहानी यह जो एक टेंशन है… है। इसकी शुरूआत राधेलाल नामक किरदार से होती है। जो बहुत ज्यादा संपन्न हैं, लेकिन उनको टेंशन है। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहे परिदृश्य को लेकर हमेशा परेशान रहता है। नाटक में दूसरा कैरेक्टर कपूर साहब हैं, उन्हें क्रिकेट का टेंशन है। वहीं तीसरे पात्र घनश्याम जॉली को इस बात की टेंशन है कि उसको टेंशन क्यों नहीं है। वहीं, मक्खी कहानी में ऐसे लोगों को दिखाया गया कि लोग स्वयं का काम निकलवाने के लिए मक्खी की तरह चिपक जाते हैं। वहीं, तीसरी कहानी जाना है पुलिस वालों के यहां बारात में… की कहानी हास्य और व्यंग्य से परिपूर्ण है। इसमें दिखाया गया है कि लोग किस तरह पुलिस से भय खाते हैं।
सीखीं अभिनय की बारीकियां
इधर जवाहर बाल भवन में संडे क्लब में बच्चों ने थिएटर गेम्स खेले। बॉडी मूवमेन्ट की एक्सरसाइज़ की। रंगकर्मी सिद्धार्थ दाभाड़े ने बच्चों को खेल-खेल में बॉडी मूवमेन्ट सिखाया। संडे क्लब में आए 62 बच्चों को लेखक अरविंद शर्मा, रंगकर्मी पूजा मालवीय, आयुष शर्मा, इमरान, मधुसूदन, शिवानी कहार, शिवकांत वर्मा, अभिषेक विश्वकर्मा, सनी ने तीन समूहों में बांटकर छोटी-छोटी कहानियां दीं। इन कहानियों को 10 मिनट की नाट्य प्रस्तुति के रूप में प्रस्तुत किया गया। बाल भवन के संचालक डॉ. उमाशंकर नगायच ने कहा कि अभिनय हमारे दैनिक जीवन में काम आता है। वरिष्ठ रंगकर्मी एवं निर्देशक केजी त्रिवेदी ने बताया कि बच्चों को अभिनय के अलावा, माइम, कविता-कहानी के मंचन की बारीकियों का प्रशिक्षण भी आने वाले संडे क्लब में दिया जाएगा।
इधर जवाहर बाल भवन में संडे क्लब में बच्चों ने थिएटर गेम्स खेले। बॉडी मूवमेन्ट की एक्सरसाइज़ की। रंगकर्मी सिद्धार्थ दाभाड़े ने बच्चों को खेल-खेल में बॉडी मूवमेन्ट सिखाया। संडे क्लब में आए 62 बच्चों को लेखक अरविंद शर्मा, रंगकर्मी पूजा मालवीय, आयुष शर्मा, इमरान, मधुसूदन, शिवानी कहार, शिवकांत वर्मा, अभिषेक विश्वकर्मा, सनी ने तीन समूहों में बांटकर छोटी-छोटी कहानियां दीं। इन कहानियों को 10 मिनट की नाट्य प्रस्तुति के रूप में प्रस्तुत किया गया। बाल भवन के संचालक डॉ. उमाशंकर नगायच ने कहा कि अभिनय हमारे दैनिक जीवन में काम आता है। वरिष्ठ रंगकर्मी एवं निर्देशक केजी त्रिवेदी ने बताया कि बच्चों को अभिनय के अलावा, माइम, कविता-कहानी के मंचन की बारीकियों का प्रशिक्षण भी आने वाले संडे क्लब में दिया जाएगा।