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अब आसान नहीं होगा Driving Licence बनवाना,ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर सरकार तेजी से कर रही है यह तैयारी

locationभोपालPublished: Mar 12, 2018 12:32:27 pm

Submitted by:

rishi upadhyay

नए नियम लागू होने पर डीएल बनवाने के इच्छुक व्यक्ति को मोटर ड्राइविंग स्कूल से वाहन चलाना सीखने का पूरा ब्योरा देना होगा।

driving license

भोपाल। बीते साल से अब तक मध्य प्रदेश में कई जगहों पर फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस पकड़े जाने के मामले सामने आ चुके हैं। पिछले साल से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में गड़बड़ी को रोकने के लिए सरकार ने मोटर वाहन नियमों को सख्त बनाने की पहल की है। इसके लिए सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित नए नियमों के मसौदे में डीएल बनवाने के लिए किसी ‘मोटर वाहन प्रशिक्षण केंद्र’ से वाहन चलाने का ‘प्रमाणपत्र’ हासिल करने की अनिवार्यता को शामिल किया गया है।

 

नए नियम लागू होने पर डीएल बनवाने के इच्छुक व्यक्ति को मोटर ड्राइविंग स्कूल से वाहन चलाना सीखने का पूरा ब्योरा देना होगा। इसमें ड्राइविंग स्कूल में लिए गए दाखिले का पंजीकरण क्रमांक, पंजीकरण की तारीख, प्रशिक्षण की अवधि और प्रशिक्षण पूरा करने का प्रमाणपत्र भी देना होगा। प्रस्तावित नियमों के तहत पुराने डीएल का नवीनीकरण करवाने से पहले भी आवेदक को किसी ड्राइविंग स्कूल में दो दिन का प्रशिक्षण लेना होगा।

 

सरकार ने सड़क हादसों की वजह फ़र्ज़ी डीएल धारकों को मानते हुए इन पर नकेल कसने के लिए सख्त नियमों का मसौदा बनाया है। इसके तहत उसी व्यक्ति को डीएल धारक होने के योग्य माना जायेगा जिन्होंने मोटर वाहन लाइसेंस सम्बन्धी फॉर्म 5 भर कर सक्षम प्राधिकारी से ड्राइविंग के प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र हासिल कर लिया है।

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जिनके पास प्रशिक्षण प्रमाणपत्र नहीं है, लेकिन उन्हें वाहन चलाना आता है, उन लोगों को भी फॉर्म 5 भर कर सक्षम प्राधिकारी से प्रशिक्षण प्रमाणपत्र लेना होगा। पिछले साल देश में 480652 सड़क हादसे हुए इनमें 150785 लोगों की मौत हुई, जबकि 494624 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रस्तावित नियमों पर 20 अक्टूबर तक सभी पक्षकारों से सुझाव मांगे गए है। मंत्रालय ने प्राप्त सुझावों के अनुरूप मसौदे में बदलाव कर इस साल के अंत तक इन्हे लागू करने का लक्ष्य तय किया है।

 

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मध्यप्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए फिलहाल ये नियम लागू हैं –


– लाइसेंस बनवाने के लिए आपको राज्य के परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाना होगा और वहां दिया दिया गया एप्लिकेशन फॉम भरना होगा। इसके बाद पहचान के दो डाक्यूमेंट्स और जन्‍म संबंधी दस्‍तावेज स्कैन कर अपलोड करने होंगे। आप अपनी सुविधा के अनुसार कंप्यूटराइज्ड टेस्‍ट के लिए तारीख ले सकते हैं।

 

– आवेदनकर्ताओं को तय की गई तारीख तक दफ्तर आकर ऑनलाइन फीस जमा करानी होगी। इसी दौरान कंप्यूटराइज्ड टेस्ट भी लिया जाएगा। टेस्‍ट पास होने पर आवेदक को लर्निंग लाइसेंस से दिया जाएगा। इसके बाद एक से छह महीने बीच आप ड्राइविंग टेस्‍ट देकर स्थाई लाइसेंस पा सकते हैं।

 

– आपके ई-बैकिंग से जुड़ते ही फीस भी ऑनलाइन जमा करवाई जा सकेगी। फिलहाल विभागीय सॉफ्टवेयर को ई-बैंकिंग से नहीं जोड़ा गया है। आवेदक को ऑनलाइन आवेदन करने के बाद फीस जमा कराने के लिए कार्यालय आना ही होगा।

 

इसी साल फरवरी के आखिरी हफ्ते में सूचना प्रौद्योगिकी और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा था कि ड्राइविंग लाइसेंस को बायोमीट्रिक पहचान आधार से जोड़ने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से बातचीत की जा रही है। प्रसाद ने कहा था कि मैं नितिन गडकरी जी से बात कर रहा हूं, जिससे मोटर वाहन ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से जोड़ा जा सके।’ उन्होंने कहा कि यदि एक राज्य का ड्राइवर शराब पीकर दूसरे राज्य में दुर्घटना कर भागता है तो वह किसी अलग राज्य से डुप्लिकेट लाइसेंस प्राप्त करता है। लेकिन अब ऐसा करने पर वह अपना नाम गलत बता सकता है, लेकिन डिजिटल पहचान को नहीं बदल सकेगा।

 

गडकरी से चल रही बातचीत पर प्रसाद ने कहा कि हम इसे तेजी से पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। प्रस्तावित मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक में ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण को आधार से जोड़ने का प्रावधान है। इसमें यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने का भी प्रावधान है।

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