डीएल का डाटा अभी बायोमेट्रिक सिस्टम से जुड़ा नहीं है इसलिए वाहन चालक आसानी से दूसरा लायसेंस जारी करवाने में सफल हो जाते हैं। नया सिस्टम लागू होने के बाद यदि कोई व्यक्ति पुराना कार्ड निरस्त होने पर दोबारा डीएल बनवाने आता है तो पकड़ा जाएगा। पुराने कार्ड होल्डर की आंख की पुतली और फिंगर प्रिंट मशीन से ट्रेस होने से ऐसा संभव हो सकेगा। प्रदेश के परिवहन कार्यालयों में ये व्यवस्था प्रदेश सरकार के निर्देश पर जारी होना है।
नए आवेदन के साथ दर्ज होंगी जानकारियां आरटीओ में ड्रायविंग लाइसेंस को नए फार्मेट से जारी करने के आवेदक को सादे कागज पर आवेदन जमा कराना होगा। प्रदेश सरकार की तरफ से इस प्रक्रिया के लिए जरूरी शुल्क का निर्धारण किया जाएगा। नया कार्ड बनने पर पुराना डीएल आरटीओ में जमा कराना होगा। स्मार्ट चिप कंपनी प्रदेश के सभी ड्रायविंग लायसेंसों का डिजीटाइजेशन किया जा रहा है। इस डाटा के आधार पर ही नए प्रारूप के कार्ड जारी होंगे।
डिजिटल कार्ड को यूनिक आईडी से जोडऩे का प्रकरण शासन स्तर पर विचाराधीन है। मौजूदा कार्डों की जानकारियां डिजिटल फार्मेट में एनआईसी में फीड करने का काम जारी है।
संजय तिवारी, आरटीओ