वार्ड-२६ के सूरज नगर स्थित विश्राम घाट में जिम्मेदारों द्वारा निर्माण कार्य के नाम पर सिर्फ शेड ही बनवाया गया है। यहां बिजली, पानी और लकड़ी के अभाव में लोगों को अंत्योष्टी में जरूरी सुविधाएं नहीं मिल पा रही।
रहवासियों का कहना है कि सफाईकर्मचारी मोहल्ले से निकलने वाला कचरा विश्राम घाट में ही फेंक रहे हंै। इस कारण यहां पूरे समय गंदगी रहती है।रहवासियों ने बताया कि विश्राम घाट में रोजाना शाम होते ही असमाजिक तत्वों द्वारा शराबखोरी की जाती हैं। विश्राम घाट में बिजली न होने से इस मार्ग लोग कम ही निकलते हैं।
सूरज नगर विश्राम घाट में लकड़ी की व्यवस्था न होने के कारण अंतिम संस्कार से पहले मृतक के परिजनों को अपने खेतों से लकड़ी काट कर लानी पड़ती है। रहवासियों का आरोप है कि उन्होंने कई बार इस समस्या से जिम्मेदारों को अवगत करवाया, लेकिन हर बार उनकी समस्या को दरकिनार किया जा रहा है।
विश्राम घाट की बदहाली को लेकर पत्रिका ने २७ अप्रैल को श्मशान को बना दिया ट्रैंचिंग ग्राउंड शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद वार्ड-२६ के पार्षद संतोष उइके ने विश्राम घाट का निर्माण कार्य जल्द शुरू कराने को आश्वासन दिया था, लेकिन दो माह बाद भी अभी तक कोई सुनवाई नहीं की गई।
स्थानीय पार्षद द्वारा मुझे इस संबंध में अवगत नहीं कराया गया। आपके द्वारा सूरज नगर विश्राम घाट की बदहाली की जानकारी मिली है। मैं जल्द ही विश्राम घाट को सुचारू रूप से शुरू करवाने और जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने का प्रयास करूंगा।
उमाशंकर गुप्ता, राजस्व, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री