script

एमपी में मनेगा दशहरा, 21 फीट के रावण का होगा दहन

locationभोपालPublished: Jan 28, 2022 01:37:03 pm

Submitted by:

Subodh Tripathi

दशहरे की तरह ही सभी आयोजन होंगे, 21 फीट के रावण का पुतला तैयार होगा, इससे पहले देवी परिक्रमा, हनुमान और भैरव का नृत्य भी होगा.

एमपी में मनेगा दशहरा, 21 फीट के रावण का होगा दहन

एमपी में मनेगा दशहरा, 21 फीट के रावण का होगा दहन

भोपाल. वैसे तो दशहरा का पर्व आने में कई माह का समय बाकी है, लेकिन मध्यप्रदेश के विदिशा में शनिवार को दशहरा मनाया जाएगा, यहां दशहरे की तरह ही सभी आयोजन होंगे, 21 फीट के रावण का पुतला तैयार होगा, इससे पहले देवी परिक्रमा, हनुमान और भैरव का नृत्य भी होगा, वहीं आतिशबाजी के साथ रावण का दहन किया जाएगा। इसके बाद महाराजा राम का राज्याभिषेक भी होगा।


दरअसल विदिशा शहर में ऐतिहासिक रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। यहां बरसों से रामलीला का भव्य आयोजन किया जा रहा है, रामलीला भी ऐसी होती है, जैसे पूरी रामायण का सजीव चित्रण किया जा रहा हो, इसमें प्रदर्शन करने वाले कलाकार भी हैदराबाद से आते हैं, यह आयोजन शहर में एक उत्सव के रूप में होता है, जिसमें हर नागरिक शामिल होकर अपनी भूमिका अदा करता है।


122 साल पहले लिखे थे रामलीला के डायलॉक
यहां रामलीला की शुरूआत साल 1901 में हुई थी, तभी से हर साल मकर संक्राति से रामलीला का आयोजन किया जाता है, जिसके तहत हर साल दशहरा भी मनाया जाता है, आश्चर्य की बात तो यह है कि यह दशहरा केवल कलाकारों द्वारा चित्रण के रूप में नहीं, बल्कि वास्तविक रूप से रावण का पुतला तैयार कर वैसे ही दहन किया जाता है जैसे दशहरे पर देशभर में रावण दहन होता है, इस दौरान यहा मेले का आयोजन भी होता है, इस बार शनिवार को रावण दहन का आयोजन होगा, इससे पहले करीब 5 घंटे तक विभिन्न कलाकारों द्वारा रामलीला की प्रस्तुति दी जाएगी, वैसे इस संस्था द्वारा इसे रामलीला शब्द का उपयोग नहीं करते हुए रामायण का मंचन कहा जाता है।

यह भी पढ़ें : 30 जनवरी से मिलेगी ठंड से राहत, 2 फरवरी से फिर होगी बारिश

इस आयोजन को देखने के लिए सिर्फ जिले ही नहीं बल्कि प्रदेशभर से लोग आते हैं। इस बार रामलीला के 121 वें वर्ष का समापन होगा, अगले साल रामलीला का 122 वां वर्ष रहेगा। यहां कलाकारों द्वारा उपयोग में लिए जाने वाले वस्त्र आभूषण 50-50 साल पुराने भी हैं, तो समय के अनुरूप जिन्हें बदलना होता है, उनमें नया लुक भी दिया जाता है। रामलीला के प्रधान संचालक पंडित चंद्रकिशोर शास्त्री के पास उनके परदादा और रामलीला के प्रथम प्रधान संचालक पंडित विश्वनाथ शास्त्री के हाथों से वर्ष 1900 में लिखे गए डॉयलॉक, दोहे और प्रसंग आज भी सुरक्षित हैं।

https://www.dailymotion.com/embed/video/x87cyhx

ट्रेंडिंग वीडियो