भोपाल

ई-ऑफिस की सांस फूली, फाइलें अटकीं तो सीएस बोले ‘रहने दो’

काफी कोशिशों के बाद सभी विभागों में कुल मिलाकर 2923 ई-फाइलें बनीं, लेकिन 2731 विभिन्न स्तरों पर ही अटकी हैं

भोपालMay 22, 2018 / 07:48 am

dinesh Binole

कंप्यूटर लैब

भोपाल. राज्य मंत्रालय में करोड़ों खर्च शुरू की गई ई-आफिस व्यवस्था डेढ़ महीने बाद ही बे-पटरी हो गई है। ई-ऑफिस के चक्कर में दस हजार से ज्यादा फाइलें अटकी हैं। काफी कोशिशों के बाद सभी विभागों में कुल मिलाकर 2923 ई-फाइलें बनीं, लेकिन 2731 विभिन्न स्तरों पर ही अटकी हैं।
मुख्य सचिव बीपी सिंह ने सभी विभागों को चिठ्ठी लिखकर खूब नाराजगी जाहिर की है, लेकिन फिर भी हालात नहीं सुधरे तो थक-हारकर उन्होंने पुरानी व्यवस्था बनाए रखने की अनुमति दे दी। उनकी हिदायत थी कि ई-फाइलिंग नहीं हो पा रही है तो मैनुअली काम करें, लेकिन फाइलें रुकना नहीं चाहिए।
इधर अधिकारी दबी जुबान में कहते हैं कि चुनावी साल में पारदर्शिता से बचने के लिए नई व्यवस्था को फेल किया जा रहा है। ई-आफिस में फाइल रोकने, दबाकर बैठे रहने की पूरी प्रकिया ही बंद हो जाती।
 

इन विभागों में एक भी ई-फाइल नहीं चली
श्रम, विधि, अल्पसंख्यक कल्याण, अप्रवासी भारतीय व पर्यावरण।

 

16 मंत्रियों का ट्रेनिंग से किनारा
ई-ऑफिस की ट्रेनिंग से सीएम सहित 32 मंत्री और राज्यमंत्रियों में से 18 ने किनारा कर लिया। सामान्य प्रशासन विभाग ने पर्सनल स्टॉफ को ही ट्रेंड करने का निर्णय लिया, लेेकिन मंत्रियों ने ट्रेनिंग के लिए कदम नहीं उठाया। कुछ मंत्री ऐसे भी हैं, जो फाइल पर मैन्युअल साइन ही करते हैं। ये चाहते हैं कि ई-फाइल बंद हो जाए।
 

करोड़ों के खर्च पर उठे सवाल
ई-ऑफिस के लिए 550 कम्प्यूटरों की खरीदी में साढ़े तीन करोड़ रुपए खर्च किए गए। ई-ऑफिस सिस्टम को स्थापित करने, अपग्रेडेशन और प्रशिक्षण सहित अन्य मामलों में करीब ढाई करोड़ और खर्च हो गए। नए मंत्रालय एनेक्सी में भी अलग से कम्प्यूटर लगना है। इस पूरी कवायद के बाद भी पूरा सिस्टम ठप पड़ा है।
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