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इ-व्हीकल हब बनेगा मध्यप्रदेश, टाटा-महिन्द्रा लगाएंगे प्लांट

locationभोपालPublished: Sep 20, 2019 11:06:21 am

Submitted by:

Manish Gite

e vehicle manufacturing in india: कमलनाथ सरकार ( kamal nath government ) प्रदेश को ई-व्हीकल मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने जा रही है। इसके लिए ई-व्हीकल एंड चार्जिंग स्टेशन पॉलिसी लाई जाएगी। टाटा, महिंद्रा व टेसला जैसी कंपनियों से मध्यप्रदेश में ही ई-व्हीकल निर्माण की प्रारंभिक सहमति बन गई है।

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e vehicle manufacturing in india

 

जितेन्द्र चौरसिया
भोपाल। कमलनाथ सरकार ( kamal nath government ) प्रदेश को ई-व्हीकल मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने जा रही है। इसके लिए ई-व्हीकल एंड चार्जिंग स्टेशन पॉलिसी लाई जाएगी। टाटा, महिंद्रा व टेसला जैसी कंपनियों से मध्यप्रदेश में ही ई-व्हीकल निर्माण की प्रारंभिक सहमति बन गई है। अभी देश में तेलंगाना में ई-व्हीकल प्लांट ( e vehicle plant ) है। जल्द मध्यप्रदेश ( madhya pradesh ) में भी प्लांट लगेंगे।

केंद्रीय नीति आयोग की वर्ष-2025 से छोटे वाहनों में केवल ई-व्हीकल बिक्री को छूट देने की रिपोर्ट के बाद प्रदेश सरकार यह कदम उठा रही है। यहां अभी कोई नीति नहीं है, लेकिन अब ई- व्हीकल से लेकर चार्जिंग स्टेशन तक के लिए सरकारी मदद के प्रावधान किए जाएंगे, ताकि ई-व्हीकल को बढ़ावा मिलने के साथ चार्जिंग के लिए जगह-जगह सुविधा उपलब्ध हो।

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सरकार ई-व्हीकल बनाने वाली कंपनियों को जमीन देगी। खरीदारों को पंजीयन, रोड टैक्स और पार्किंग में छूट दी जाएगी। साथ ही ग्राहकों को अनुदान के साथ कम ब्याज दर और आसान कर्ज दिया जाएगा। पहले चरण में प्रदेश के दस लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर इस दायरे में आएंगे।

उधर, प्रदेश में दूसरी पंक्ति तक के शहरों में ई-बसें चलाई जाएंगी। नगरीय प्रशासन पीएस संजय दुबे का कहना है कि नीति का ड्राफ्ट जल्द कैबिनेट में रखा जाएगा।

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ड्यूल मॉडल के होंगे चार्जिंग स्टेशन
अभी प्रदेश में ई-व्हीकल चार्ज करने स्टेशन नहीं है। इन्हें भी बढ़ावा दिया जाना है। ये बिजली और सौर ऊर्जा यानी ड्यूल मॉडल के हो सकते हैं। कोशिश है कि पेट्रोल पंप के पास ही चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएं, ताकि लोगों को आसानी हो।
25 फीसदी मदद देगी सरकार
चार्जिंग स्टेशन के लिए सरकार छूट और मदद का प्रावधान ला रही है। इसका मसौदा तैयार हो रहा है। संभावना है कि चार्जिंग स्टेशन लगाने पर 25 प्रतिशत तक की मदद सरकार कर सके। सरकार की मंशा छोटे चार्जिंग स्टेशन को बढ़ावा देने की है, क्योंकि बड़े वाहनों की बजाए अभी घरेलू उपयोग वाले दो व चार पहिया वाहनों में ई-व्हीकल को बढ़ावा देने की कोशिश है। सरकार ई-बसें भी खरीद रही है। इनके लिए भी सौ किमी पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।
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भोपाल-इंदौर होंगे बड़े पायलेट शहर
सरकार की पॉलिसी सभी शहरों के लिए रहेगी, लेकिन सबसे पहले इंदौर-भोपाल में चार्जिंग स्टेशन बढ़ाए जाएंगे। शुरुआत में कोशिश होगी कि प्रत्येक 50 किमी पर चार्जिंग स्टेशन मिल सके। उपभोक्ता खपत को देखते हुए भी यही शहर निजी सेक्टर के लिए मुनाफे वाले हैं। इसके अलावा सरकार इस प्रोजेक्ट में पीपीपी मॉडल को लेकर भी विचार-मंथन में हैं। यह मॉडल सरकारी बसों के लिए अपनाया जा सकता है।

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ई-व्हीकल एंड चार्जिंग स्टेशन की पॉलिसी जल्द ला रहे हैं। हम इसमें वाहन से लेकर चार्जिंग स्टेशन तक अनुदान की व्यवस्था करेंगे। ई-बस का भी दायरा बढ़ाकर सभी शहरों में लाएंगे।
– जयवर्धन सिंह, मंत्री, शहरी आवास एवं विकास

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इस पूरी कवायद के पीछे नीति आयोग के 2025 से नए नियम
नीति आयोग सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता वाली कमेटी ने जून में छोटे वाहनों में ई-व्हीकल को ही रखने की सिफारिश की है। अप्रैल 2025 से तिपहिया वाहनों में ई-व्हीकल बेचे जाएंगे। वहीं दोपहिया वाहनों में भी 150 सीसी से ज्यादा क्षमता वाले वाहन ही बिकें, बाकी केवल ई-व्हीकल ही रहें। मार्च 2023 से इसके लिए दूसरे वाहनों की बिक्री पर बंदिशें शुरू करने की सिफारिश है।

2025 अप्रेल के बाद छोटे वाहनों में ई-व्हीकल ही बेचने की सिफारिश
15 प्रतिशत बिक्री 5 साल में ई-व्हीकल की बढ़ाना चाहती है केंद्र सरकार
40 फीसदी तक मप्र सरकार ई-रिक्शा में अनुदान दे रही है अभी
25 फीसदी तक दूसरे वाहनों में छूट के प्रावधान लाए जा सकते हैं
02 से 2.5 गुना तक महंगे हैं अभी ई-व्हीकल अन्य वाहनों के मुकाबले

 

 

E-कार का प्रयोग हो चुका असफल
सरकार ने ई-व्हीकल के तहत ई-कार का प्रयोग किया था, लेकिन इसे ज्यादा सफलता नहीं मिली। पिछली शिवराज सरकार में छह ई-कारें खरीदी गई थीं। तब, तत्कालीन सीएस से लेकर सीएम ने ई-कार की सवारी की थी। इसके लिए मंत्रालय, सीएम निवास और ऊर्जा विकास निगम में चार्जिंग स्टेशन भी बनाए गए थे, लेकिन यह प्रयोग ज्यादा सफल नहीं रहा था।

आप यूं जानें…कैसे बदल रहा परिदृश्य
रिपोर्ट के तहत ही दिल्ली-जयपुर और दिल्ली-आगरा हाईवे को देश का पहला ई-व्हीकल बेस्ड कॉरिडोर बनाने पर काम शुरू हो गया है। यहां ५०० किमी में 18 ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बन रहे हैं।

नीति आयोग की सिफारिश के हिसाब से देश को ई-व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना जरूरी है। इसके लिए सब्सिडी योजना फेम-2 भी तैयार की गई है। इसमें सिर्फ देश बने वाहनों को सब्सिडी मिलेगी।

भेल सहित दूसरी कंपनियों को हाईवे पर चार्जिंग स्टेशन बनाने का काम मिला। चार्जिंग स्टेशन के लिए फंड एफएएमई के तहत मिलता है। अभी इंडियन ऑयल व भारत पेट्रोलियम के पंप चयनित किए।

पेरिस समझौते के मुताबिक कार्बन उत्सर्जन घटाने भारत को ई-वाहन बढ़ाना है। इसके लिए 10 हजार करोड़ की फेम-2 योजना लागू। इसमें व्यावसायिक ई-व्हीकल पर सब्सिडी दी जाती है।

10 लाख की आबादी पर 500 से 1000 चार्जिंग स्टेशन के स्लेब की केंद्र की तैयारी। इस दायरे में मप्र के चारों प्रमुख शहर आ जाएंगे।

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