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हुजूर आसान, लेकिन सत्ता के लिए मध्य में घमासान

locationभोपालPublished: Sep 05, 2018 10:01:32 pm

Submitted by:

anil chaudhary

लगातार कम होते वोटों के अंतर से पार्टी चिंतित है…

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भोपाल@हर्ष पचौरी/प्रवीण मालवीय की रिपोर्ट…

मध्य और हुजूर विधानसभा सीट भाजपा के लिए हमेशा आसान रही है, लेकिन मध्य में लगातार कम होते वोटों के अंतर से पार्टी चिंतित है। भाजपा ने जो वादे किए थे, वही उसके लिए मुसीबत बन रहे हैं, इसलिए पार्टी में दोनों जगह प्रत्याशी बदलने की चर्चा है।
वहीं, 2013 में कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन कर सभी को चौंका दिया था। कांग्रेस इस बार भी चुनाव की तैयारी कर चुकी है। मध्य सीट नए और पुराने शहर के बीच होने के कारण वोटरों का मिजाज भी उसी तरह का है।
हुजूर : विकास के मुद्दे पर टक्कर
अधूरे वादे और विकास के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला दिलचस्प रहने वाला है। विधायक रामेश्वर शर्मा कुछ ही इलाकों में सक्रिय रहे हैं। मीणा समाज उनसे नाराज है।
मर्जर और कैचमेंट के मुद्दे पर सबसे बड़ा वोट बैंक सिंधी समाज भी संतुष्ट नहीं है। 10 साल तक भाजपा के इस सीट से काबिज रहने के बावजूद मास्टर प्लान की सड़कों का निर्माण नहीं होना, अतिक्रमण का बढऩा और अपराध के आंकड़ों में कमी नहीं आने से मतदाताओं में नाराजगी है। आम आदमी पार्टी से यहां से महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में होगी।
2013 के वोट
– रामेश्वर शर्मा 108994
– राजेंद्र मंडलोई 49390

– ये नाम हैं चर्चा में
भाजपा
रामेश्वर शर्मा – विधायक
बीडी शर्मा – प्रदेश महामंत्री। कप्तान सिंह सोलंकी और नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी।
जितेंद्र डागा – पूर्व विधायक।
आलोक शर्मा – महापौर।
कृष्णमोहन सोनी – पार्षद।
भगवानदास सबनानी – पार्षद: सिंधी समाज में पकड़।
प्रकाश मीरचंदानी – ङ्क्षसधी वोटरों पर पकड़।
कांग्रेस
कैलाश मिश्रा – कांग्रेस जिलाध्यक्ष। पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष।
अवनीश भार्गव – पूर्व जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष।
नरेश ज्ञानचंदानी – सिंधी समाज में चर्चित नाम।
पल्लवी सक्सेना – कमलनाथ गुट से सक्रिय।
राहुल राठौड़ – कांग्रेस के सक्रिय नेता।
रीना सक्सेना- आप की उम्मीदवार।
– ये भी ठोक रहे ताल
सामाजिक कार्यकर्ता श्वेता सक्सेना, आशा इंगोले, मधु मिश्रा और प्रतिमा शुक्ला।

मतदाताओं की स्थिति
– सिंधी, मीणा और ब्राम्हण वोट ज्यादा हैं। मंडलोई समाज भी असर छोड़ता है।

ये हैं प्रमुख मुद्दे
– बड़ा तालाब कैचमेंट, अतिक्रमण, अवैध निर्माण सड़क और बढ़ते अपराध।
विधायक की परफॉर्मेंस
विधायक रामेश्वर शर्मा कोलार और बैरागढ़ तक सीमित रहे। कैचमेंट और मर्जर विवाद निपटाने का वादा पूरा नहीं किया। नई बसाहट कटारा हिल्स, बागमुगलिया, बागसेवनिया के वार्डों में सड़क और रोशनी की समस्या है।

भाजपा : चुनौती पार्टी नेता ही नाराज
हुजूर के 12 में से 10 वार्ड में भाजपा पार्षद हैं, जबकि दो वार्ड कांग्रेस के पास हैं। वार्डों में विकास के लिए पार्षद खुद की मेहनत को ज्यादा मानते हैं। भाजपा के कई नेता नाराज हैं।
कांग्रेस : कई चेहरे सक्रिय हैं। जिलाध्यक्ष कैलाश मिश्रा भी टिकट के दावेदार हैं। सिंधी समाज से ज्ञानचंदानी भी सक्रिय हैं। कमलनाथ और दिग्विजय के समर्थकों के बीच गुटबाजी है।

भाजपा ने वादे पूरे नहीं किए। कोलार को आज भी पानी नहीं मिला, किसान कैचमेंट विवादों में परेशान है। मर्जर मुद्दा नहीं सुलझा।
– राजेश चौरसिया, आर्किटेक्ट
मध्य विधानसभा : कांग्रेस में गुटबाजी बड़ा फैक्टर
वोटों के धुव्रीकरण वाली मध्य विधानसभा में इस बार तगड़ा मुकाबला देखने का मिल सकता है। पिछले दो चुनावों में मिली हार का सिलसिला तोडऩे के लिए कांग्रेस एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है, लेकिन गुटबाजी उसके लिए बड़ा सिरदर्द बन सकती है।
दूसरी ओर भाजपा के दावेदारों सूची भी लंबी है। ऐसे में पार्टी के सामने टिकट तय करने को लेकर दुविधा नहीं है। दावेदारों के बीच से भी पार्टी अगड़े-पिछड़े का समीकरण पार्टी के लिए महत्पूर्ण होगा। पार्टी असंतुष्टों की भी कमी नहीं है। ऐसे में सभी को साधने की रणनीति के तहत टिकट तय होगा।
2013 के वोट
– सुरेंद्रनाथ ङ्क्षसह – 70696
– आरिफ मसूद – 63715

– इनके नाम चर्चा में
भाजपा
सुरेन्द्रनाथ सिंह – विधायक और भाजपा जिलाध्यक्ष।
धु्रव नारायण सिंह – मध्य के पूर्व विधायक।
राहुल कोठारी – प्रदेश प्रवक्ता। केन्द्रीय नेतृत्व से संपर्क।
विजेश लुनावत – प्रदेश उपाध्यक्ष। संगठन में पकड़।
विकास वीरानी – जिला महामंत्री। सुरेंद्रनाथ के करीबी।
लिली अग्रवाल- संगठन में पकड़।
कांग्रेस
पीसी शर्मा – पूर्व विधायक। सक्रिय नेता।
आरिफ मसूद – 2013 में कांग्रेस के प्रत्याशी।
अरुणेश्वर सिंह देव – छत्तीसगढ़ नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंह देव के छोटे भाई।

नासिर इस्लाम – 2008 के कांग्रेस प्रत्याशी।
मोहम्मद सगीर – चार बार के पार्षद।
गोङ्क्षवद गोयल – दिग्विजय के करीबी।
साजिद अली – अल्पसंख्यक वोटरों पर पकड़।
रवींद्र साहू झूमरवाला – दिग्विजय के करीबी।
संजय श्रीवास्तव – पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष।
ये भी ठोक रहे ताल
आप से फराज खान व अमीन पठान और भाकपा से शैलेंद्र शैली हैं।

– मतदाताओं की स्थिति
भोपाल उत्तर के बाद मध्य दूसरी मुस्लिम बाहुल्य सीट। वैश्य, ब्राम्हण भी अच्छा प्रभाव रखते हैं।
– चुनौती
भाजपा : विकास कार्य में देरी से लोगों में नाराजगी। पार्टी में प्रत्याशी के चयन में मुश्किल। पार्षदों में खींचतान, कार्यकर्ताओं में भी टकराव मुश्किल खड़ी कर सकता है। कांग्रेस के साथ आप भी प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है।
कांग्रेस : पार्टी में स्थानीय गुटबाजी है। जितने नेता हैं सभी गुटों में बंटे हुए हैं। इसका नुकसान लगातार हर चुनाव में हो रहा है। वोटों का ध्रुवीकरण मुश्किल खड़ी कर सकता है। जैसा कि पिछले चुनाव में हुआ था।
– प्रमुख मुद्दे
पुराने शहर में सड़क, बिजली, पेयजल और सीवेज की समस्यास। रहवासियों में नाराजगी।

विधानसभा में बड़ा इलाका पुराने शहर का है, लेकिन इस इलाके में उस स्तर पर विकास नहीं हुआ है, जिसकी अपेक्षा नागरिकों को थी।
– क्यू एम नवेद, व्यवसायी

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