इससे डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या मोबाइल वॉलेट से किए जाने वाले बिजली भुगतान, सब्सक्रिप्शन फीस जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म, मोबाइल बिल के पेमेंट समेत ट्यूशन फीस और यूटिलिटी बिल पेमेंट करने में आसानी होगी। बैंकों व वित्तीय संस्थानों को अब डेबिट-क्रेडिट कार्ड पर 15,000 रुपए से ज्यादा के ऑटो डेबिट के लिए ग्राहकों से अब अतिरिक्त फैक्टर ऑथेंटिकेशन की मांग करनी होगी। केंद्रीय बैंक ने क्रेडिट कार्ड को यूपीआइ से जोड़ने की भी मंजूरी दे दी है। इस नई सुविधा से देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा तो मिलेगा ही, साथ ही यूजर्स को पेमेंट का नया विकल्प भी मिलेगा।
थर्ड पार्टी ऐप की जरूरत नहीं होगी
नई सुविधा में डायरेक्ट यूपीआइ के जरिए क्रेडिट कार्ड से अपने या किसी दूसरे किसी के बैंक अकाउंट में पैसे भेज सकेंगे। इसके लिए थर्ड पार्टी ऐप की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, इसके एवज में चार्ज देना होगा या नहीं, यह क्लीयर नहीं है।
क्रेडिट कार्ड जैगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौरभ पुरी ने कहा कि यूपीआइ के साथ लिंकिंग से क्रेडिट कार्ड यूजर्स और कारोबार को बड़ा फायदा होगा। कम मूल्य के सौदों के लिए लोग क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर सकेंगे। हालांकि अभी यूपीआइ प्लेटफॉर्म पर क्रेडिट कार्ड से लेन-देन के लिए मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) पर सस्पेंस कायम है।