लेकिन, आज शहर के 70 फीसदी से अधिक जलस्रोतों की जलग्रहण क्षमता एक तिहाई भी नहीं रह गयी है। तीन सीढ़ी तालाब से लेकर शाहपुरा, पांच नंबर और तमाम अन्य तालाब अतिक्रमण के शिकार हैं। जो बचे हैं उनके जलभराव क्षेत्र से गाद नहीं निकाली गयी। जबकि, तालाबों के संरक्षण पर सरकार हर साल नौ करोड़ रुपए खर्च करती है।
मोतिया तालाब पर 10 करोड़ खर्च, स्थिति जस की तस
मोतिया तालाब को तात्कालीन महापौर आलोक शर्मा ने गोद लेने की घोषणा की थी। आज भी इसमें ईदगाह हिल्स का अनट्रीटेड सीवेज मिल रहा है। एसटीपी लगाना तो दूर प्रस्ताव तक तैयार नहीं हुआ। जबकि, 10 करोड़ की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाने, अतिक्रमण मुक्त करने के नाम पर राशि खर्च हो गई।
मोतिया तालाब को तात्कालीन महापौर आलोक शर्मा ने गोद लेने की घोषणा की थी। आज भी इसमें ईदगाह हिल्स का अनट्रीटेड सीवेज मिल रहा है। एसटीपी लगाना तो दूर प्रस्ताव तक तैयार नहीं हुआ। जबकि, 10 करोड़ की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाने, अतिक्रमण मुक्त करने के नाम पर राशि खर्च हो गई।
तीन तालाबाें का अस्तित्व खत्म
भोपाल के छोटे-बड़े 14 ताल-तलैयाओं में से तीन का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। दो अंतिम सांसें गिन रहे हैं। जहांगीराबाद वाले मोतिया तालाब का अब अस्तित्व नहीं है। यहां सीमेंट-कांक्रीट का जंगल खड़ा है। गुरुबक्श की तलैया व अच्छे मियां की तलैया भी अंतिम सांसें गिन रही है। नवाब सिद्दीकी हसन तालाब के अंदर तक बन चुके मकानों पर निर्णय का अधिकार निगम को सौंपा गया था, लेकिन दस सालों में कुछ नहीं हुआ।
भोपाल के छोटे-बड़े 14 ताल-तलैयाओं में से तीन का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। दो अंतिम सांसें गिन रहे हैं। जहांगीराबाद वाले मोतिया तालाब का अब अस्तित्व नहीं है। यहां सीमेंट-कांक्रीट का जंगल खड़ा है। गुरुबक्श की तलैया व अच्छे मियां की तलैया भी अंतिम सांसें गिन रही है। नवाब सिद्दीकी हसन तालाब के अंदर तक बन चुके मकानों पर निर्णय का अधिकार निगम को सौंपा गया था, लेकिन दस सालों में कुछ नहीं हुआ।
इसके एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में से 98 प्रतिशत पर कब्जा है। इसी तरह 1.05 हेक्टेयर के लेंडिया तालाब के 82 प्रतिशत भाग पर कब्जा हो चुका है। 113 हेक्टेयर के हथाईखेड़ा तालाब का 23 प्रतिशत भाग कब्जे में है। बड़े तालाब का 19 प्रतिशत, छोटे तालाब का 13 प्रतिशत, मुंशी हुसैन खां तालाब का सात प्रतिशत, मोतिया तालाब का दो प्रतिशत भाग अतिक्रमण की चपेट में है। जल्द ही यहां आवासीय कॉलोनियां बस जाएंगी।
भाेपाल के ताल तलैया-
बड़ा तालाब,छोटा तालाब,शाहपुरा तालाब,मोतिया तालाब एक,मोतिया तालाब (जहांगीराबाद),नवाब सिद्धीकी हसन तालाब,मुंशी हुसैन खां तालाब,सारंगपानी तालाब,लहारपुर जलाशय,हताईखेड़ा जलाशय,चार इमली तालाब,लेंडिया तालाब,गुरुबक्श की तलैया,अच्छे मियां की तलैया 97 अरब लीटर पानी तीन दिन में बह गया-
भोपाल में जलसंरक्षण के समुचित उपाय न होने की वजह से पिछले तीन दिनों में बड़ा तालाब, भदभदा और कलियासोत डैम के गेट खोलने की वजह से करीब 3500 एमसीएफटी (मिलियन क्यूबिक फिट) पानी बह गया। इसे यदि लीटर में परिवर्तित करें तो लगभग यह 97 अरब लीटर बैठता है। यदि प्रति व्यक्ति एक दिन 100 लीटर जल के आधार पर निकालें तो इतना पानी शहर की करीब 22 लाख की आबादी के लिए पूरे सालभर के लिए पर्याप्त था।
बड़ा तालाब,छोटा तालाब,शाहपुरा तालाब,मोतिया तालाब एक,मोतिया तालाब (जहांगीराबाद),नवाब सिद्धीकी हसन तालाब,मुंशी हुसैन खां तालाब,सारंगपानी तालाब,लहारपुर जलाशय,हताईखेड़ा जलाशय,चार इमली तालाब,लेंडिया तालाब,गुरुबक्श की तलैया,अच्छे मियां की तलैया 97 अरब लीटर पानी तीन दिन में बह गया-
भोपाल में जलसंरक्षण के समुचित उपाय न होने की वजह से पिछले तीन दिनों में बड़ा तालाब, भदभदा और कलियासोत डैम के गेट खोलने की वजह से करीब 3500 एमसीएफटी (मिलियन क्यूबिक फिट) पानी बह गया। इसे यदि लीटर में परिवर्तित करें तो लगभग यह 97 अरब लीटर बैठता है। यदि प्रति व्यक्ति एक दिन 100 लीटर जल के आधार पर निकालें तो इतना पानी शहर की करीब 22 लाख की आबादी के लिए पूरे सालभर के लिए पर्याप्त था।
तालाब -क्षेत्रफल -अतिक्रमण
: नवाब सिद्दीकी हसन तालाब-एक हेक्टेयर-98 प्रतिशत : लेंडिया तालाब-1.05 हेक्टेयर-82 प्रतिशत : हथाईखेड़ा तालाब-113 हेक्टेयर-23 प्रतिशत : बड़ा तालाब-19 प्रतिशत : छोटा तालाब-13 प्रतिशत : मुंशी हुसैन खां ताला- 07 प्रतिशत
: नवाब सिद्दीकी हसन तालाब-एक हेक्टेयर-98 प्रतिशत : लेंडिया तालाब-1.05 हेक्टेयर-82 प्रतिशत : हथाईखेड़ा तालाब-113 हेक्टेयर-23 प्रतिशत : बड़ा तालाब-19 प्रतिशत : छोटा तालाब-13 प्रतिशत : मुंशी हुसैन खां ताला- 07 प्रतिशत
: मोतिया तालाब- 02 प्रतिशत सिकुड़ता जा रहा शाहपुरा तालाब
वर्ष 2005 के मास्टर प्लान मसौदे में 8.29 वर्ग किलोमीटर एरिया में फैला शाहपुरा तालाब अब सिकुड़कर 5.75 वर्ग किलोमीटर रह गया है। तालाब को बचाने के लिए एनजीटी ने नगर निगम को निर्देश दिए थे। तत्कालीन निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने तालाब का कैचमेंट और एफटीएल समझाने के लिए जियोग्राफिक मैपिंग रिपोर्ट तैयार कर एनजीटी में पेश की थी। लेकिन, अब तक निगम एवं प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड की ने अतिक्रमण पर स्थिति स्पष्ट नहीं की।
वर्ष 2005 के मास्टर प्लान मसौदे में 8.29 वर्ग किलोमीटर एरिया में फैला शाहपुरा तालाब अब सिकुड़कर 5.75 वर्ग किलोमीटर रह गया है। तालाब को बचाने के लिए एनजीटी ने नगर निगम को निर्देश दिए थे। तत्कालीन निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने तालाब का कैचमेंट और एफटीएल समझाने के लिए जियोग्राफिक मैपिंग रिपोर्ट तैयार कर एनजीटी में पेश की थी। लेकिन, अब तक निगम एवं प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड की ने अतिक्रमण पर स्थिति स्पष्ट नहीं की।
नगर निगम तालाबों को संरक्षित करने में जुटा है। गाद निकालने के लिए मशीनरी मंगवाई गई है। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई चल रही है।
– केवीएस चौधरी, निगमायुक्त
– केवीएस चौधरी, निगमायुक्त