त्योहार पर ट्रेनों में लगेगा इकोनॉमी कोच, किराया स्लीपर से महंगा
भोपालPublished: Sep 09, 2023 08:34:47 pm
भीड़ के मद्देनजर रेलवे ने लिया फैसला


भीड़ के मद्देनजर रेलवे ने लिया फैसला
भोपाल. त्योहार की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भोपाल रेल मंडल एक बार फिर एक दर्जन से अधिक स्पेशल रेल गाडिय़ों का संचालन करने जा रहा है। इसके अलावा दस trains ट्रेनों में इकॉनोमी कोच लगाने की तैयारी है। यात्रियों के लिए त्योहार के मौके पर कंफर्म सीट उपलब्ध कराने के लिए रेलवे ने यह फैसला लिया है। रेलवे का यह फैसला यात्रियों के लिए खर्च बढऩे वाला भी साबित होने वाला है। रेलवे के फार्मूले के अंतर्गत economy coach इकोनॉमी कोच और Festival फेस्टिवल स्पेशल के नाम पर चलने वाली इन रेलगाडिय़ों में सामान्य किराए के मुकाबले 20 से 25 फीसदी तक ज्यादा शुल्क वसूल किया जाएगा। इसके अलावा तत्काल व आरक्षण श्रेणी में अलग-अलग कैटेगरी में भी जीएसटी सहित शुल्क अदा करना होगा।
स्पेशल के नाम किराया दोगुना
रेलवे ने Festival त्योहार पर स्पेशल trains टे्रंने संचालित की है। स्पेशल का नाम देकर किराया भी दोगुना से अधिक कर दिया। लेकिन सुविधाओं में कटौती कर दी। सीनियर सिटीजन की रियारत भी बंद कर दी है।
सीट के साथ किराया ज्यादा
अभी तक देश में जो भी एलएचबी प्लेटफॉर्म के एसी कोच चल रहे हैं, उनमें अधिकतम 72 बर्थ की व्यवस्था है। लेकिन इस एसी 3 इकॉनमी कोच economy coach में 83 बर्थ की व्यवस्था है। मतलब कि सामान्य एसी थ्री कोच से 11 बर्थ ज्यादा। ये कोच सामान्य एसी से 10 फीसदी सस्ता है लेकिन स्लीपर कोच के मुकाबले टिकट 12 प्रतिशत महंगा टिकट मिलेगा।
वेटिंग लिस्ट की ये है लिमिट
पिछले साल मई में रेलवे ने नियम अपडेट करते हुए वेटिंग लिस्ट में टिकट बुक करने को लेकर एक लिमिट तय की थी। इसके तहत स्लीपर क्लास के लिए अधिकतम 200, थर्ड एसी के लिए 100, सेकेंड एसी के लिए 50 और फस्र्ट एसी के लिए 20 वेटिंग लिस्ट की लिमिट है। स्पेशल ट्रेनों में 300 तक की वेटिंग लिमिट है। इसके बावजूद रेलवे के टिकट काउंटरों पर ट्रेन में वेटिंग टिकट की तय लिमिट से दोगुने टिकट काटे जा रहे हैं।
इनका कहना है
यात्रियों को सामान्य ट्रेनों में यात्रा की सुविधा मिलनी चाहिए। सस्ते टिकट और जनरल कोच बढ़ाने की मांग लंबे समय से की जा रही है।
- नीतेश लाल, सदस्य, यात्री सलाहकार समिति
त्योहार स्पेशल ट्रेनों में किराया फार्मूला बोर्ड की ओर से तय किया जा रहा है। इन ट्रेनों से यात्रियों को कंफर्म सीट मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
- राहुल श्रीवास्तव, सीपीआरओ, रेलवे