उल्लेखनीय है कि यूजीसी की गाइडलाइन के मुताबिक देश के अन्य राज्य ऑनलाइन परीक्षाओं का आयोजन कर रहे हैं जबकि मध्यप्रदेश में ऑफलाइन तरीके से इंजीनियरिंग एवं परंपरागत पाठ्यक्रम की परीक्षाओं के आयोजन का टाइम टेबल जारी कर दिया गया था। भोपाल से लेकर दिल्ली तक इस मामले में लगातार सामने आ रहे विरोध के मद्देनजर शासन ने सभी परीक्षाओं का आयोजन निरस्त कर विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन देने की घोषणा कर दी थी। यूजीसी के नए निर्देश आने के बाद अब अंतिम वर्ष और सेमेस्टर की परीक्षाओं का आयोजन करवाया जा रहा है। ऑनलाइन परीक्षा कराना उच्च शिक्षा विभाग एवं आरजीपीवी प्रबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती से कम नहीं है। इसके लिए के दूर दराज में मौजूद कॉलेजों में कंप्यूटर लैब तैयार करवाने होंगे और फैकल्टी को ऑनलाइन परीक्षा कराने की ट्रेनिंग भी देना पड़ेगी।
विद्यार्थियों को सोशल डिस्टेंसिंग के तहत बिठाना और इसके लिए बड़े परिसर की तलाश करना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। आरजीपीवी एवं उच्च शिक्षा विभाग सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने के लिए विद्यार्थियों की परीक्षा लेता है तो भी सभी पाठ्यक्रम की परीक्षाओं को आयोजित करने में 2 महीने से ज्यादा का वक्त लग सकता है। मध्यप्रदेश में परंपरागत कोर्स एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों में नया शैक्षणिक सत्र अगस्त से चालू करने की तैयारियां की जा रही हैं जिन्हें ऑनलाइन परीक्षा आयोजन के चक्कर में टालना पड़ सकता है। बहरहाल आरजीपीवी की एकेडमिक काउंसिल ने स्पष्ट कर दिया है कि अब परीक्षाओं का आयोजन ऑनलाइन ही करवाया जाएगा इसलिए सभी तकनीकी कॉलेजों को इसके लिए तैयार रहने के निर्देश दिए जाएंगे।