इसकी सूचना अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों से मिली है। अन्य लोगों ने भी इस नियम को बदलने की बात कही है। इससे वे भी सहमत हैं। इसलिए उन्होंने विभागीय आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि यदि किसी छात्र पर आपराधिक प्रकरण दर्ज है तो भी उन्हें सामान्य रूप से कॉलेज में प्रवेश दिया जाए। इस आधार पर किसी का प्रवेश रोका नहीं जाए। संबंधित को न्यायालय द्वारा उसके गुण दोष के आधार पर सजा होती है, उसके बाद निराकरण होता है। सिर्फ प्रकरण पंजीबद्ध होने मात्र से किसी का प्रवेश रोकेंगे तो यह ज्यादती होगी। लोकतंत्र में छात्र नेताओं पर कई बार लोक हितैषी मुद्दों जब वह आंदोनल करते हैं तो कई बार प्रकरण पंजीबद्ध होते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आपराधिक प्रकरण दर्ज होने से जब लोकसभा, विधानसभा के प्रत्याशियों को चुनाव लडऩे से नहीं रोका जा सकता तो किसी भी विद्यार्थी का प्रवेश रोकना गलत होगा। इसलिए हर विद्यार्थी को पढऩे का अवसर मिलना चाहिए। नए सत्र में ऐसे छात्रों को भी उच्च शिक्षा विभाग प्रवेश देने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आपराधिक प्रकरण दर्ज होने से जब लोकसभा, विधानसभा के प्रत्याशियों को चुनाव लडऩे से नहीं रोका जा सकता तो किसी भी विद्यार्थी का प्रवेश रोकना गलत होगा। इसलिए हर विद्यार्थी को पढऩे का अवसर मिलना चाहिए। नए सत्र में ऐसे छात्रों को भी उच्च शिक्षा विभाग प्रवेश देने जा रहा है।