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आरटीई के आदेश की अवहेलना कर रहा शिक्षा विभाग

locationभोपालPublished: Feb 24, 2020 07:29:05 am

पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी कर रहे विरोध

RTE Act

Government orders to ‘strangle’ RTE

भोपाल. प्रदेश के शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है और शिक्षा का स्तर निरंतर गिरता जा रहा है, लगभग 80 हजार स्थाई शिक्षकों के पद रिक्त होने के बावजूद शासन केवल 20 हजार 670 पदों पर भर्ती करने जा रहा है। पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी जगह-जगह इसका विरोध कर रहे हैं।
नरसिंहपुर जिले के बनवारी शासकीय स्कूल के लोकार्पण कार्यक्रम में पहुंचे स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी को घेरकर नारेबाजी करते हुए शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने कम पद निकाले जाने का विरोध जताया।
अभ्यर्थियों ने कहा कि, कई वर्षों के बाद हो रही स्थाई शिक्षक भर्ती में कम पद आने, भर्ती प्रक्रिया धीमी गति से चलने एवं जारी विज्ञप्ति में पाई गई विसंगतियों के कारण पात्र अभ्यर्थियों में भारी आक्रोश है, शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ के प्रदेश संयोजक रंजीत गौर के अनुसार कांग्रेस सरकार ने चुनाव पूर्व वादा किया था कि एक लाख 20 हजार शिक्षकों की भर्ती होगी परंतु अभी तक 20 हजार 670 पदों पर ही स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विज्ञप्ति जारी हुई है।
पात्र अभ्यर्थियों का कहना है कि जारी विज्ञप्ति में भी माध्यमिक शिक्षक भर्ती में आरटीई नियमों का खुला उल्लंघन किया गया है, जहां पर मातृभाषा हिंदी को छठवें स्थान पर रखा गया है एवं विज्ञान को पांचवे स्थान पर जबकी अंग्रेजी भाषा को तृतीय स्थान दिया गया है माध्यमिक शिक्षकों के लिए जारी विज्ञप्ति में विज्ञान के 50, सामाजिक विज्ञान 60, उर्दू के 18 एवं हिंदी विषय के कुल 100 पद रिक्त घोषित किए गए जबकि अकेले अंग्रेजी भाषा के 3358 रिक्त पद घोषित किए गए है। नियमानुसार पहला पद विज्ञान, गणित का होता है लेकिन सरकार ने विज्ञान को पांचवें स्थान पर रखा। दूसरा पद सामाजिक विज्ञान का होता है, लेकिन उसे तीसरे स्थान पर कर दिया।
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