दरअसल गिनती में लगातार पिछड़ने के बाद प्रदेशाध्यक्ष नंद कुमार चौहान ने हार मानते हुए कहा है कि प्रदेश में कुछ सीटें कांग्रेस की परंपरागत हैं। भविष्य में भी इन सीटों पर कांग्रेस की जीत होगी। हम इस चुनाव में हार की समीक्षा करेंगे और आगे की तैयारी करेंगे। इस हार का 2018 के विधानसभा चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
राम के भरोसे हुई जीत:
चित्रकूट से कांग्रेस के प्रत्याशी नीलांशु चतुर्वेदी ने कहा है कि चित्रकूट भगवान राम की भूमि है। हमें भगवान राम पर भरोसा है और उन्हीं की जीत है। उनका दावा है कि वे 25 हजार के मार्जिन से चुनाव जीतेंगे।
चित्रकूट से कांग्रेस के प्रत्याशी नीलांशु चतुर्वेदी ने कहा है कि चित्रकूट भगवान राम की भूमि है। हमें भगवान राम पर भरोसा है और उन्हीं की जीत है। उनका दावा है कि वे 25 हजार के मार्जिन से चुनाव जीतेंगे।
वहीं मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा है कि जनता का फैसला स्वीकार है, हम अपनी बात जनता तक नहीं पहुंचा सके। चित्रकूट चुनाव 16th राऊंड के बाद की स्थिति:
कांग्रेस – 3330
बीजेपी – 2767
कांग्रेस – 3330
बीजेपी – 2767
कुल अभी तक कांग्रेस 17187 वोटों से कांग्रेस आगे है। अब तक कांग्रेस को 60929 वोट मिले हैं, जबकि भाजपा को केवल 43742 वोटों पर ही संतोष करना पड़ रहा है। वहीं चित्रकूट उपचुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर पर अरुण यादव बोले, विकास के कथित दावों और भ्रष्टाचारी तंत्र को चित्रकूट ने दिया झटका….,अबकी बार 200 पार का अहंकारी जुमला किया धराशायी,,….यह जीत जनता के विश्वास व कार्यकर्ताओं की मेहनत को समर्पित।
भाजपा प्रत्याशी तक नहीं पहुंचे
चित्रकूट में मतगणना स्थल पर जहां कांग्रेस प्रत्याशी शुरू से मैदान में डटे रहे। वहीं भाजपा प्रत्याशी शंकर दयाल त्रिपाठी मतगणना स्थल ही नहीं पहुंचे। वे सुबह से गायब रहे। उनकी अनपुस्थिति चर्चा का केंद्र बनी रही।
चित्रकूट में मतगणना स्थल पर जहां कांग्रेस प्रत्याशी शुरू से मैदान में डटे रहे। वहीं भाजपा प्रत्याशी शंकर दयाल त्रिपाठी मतगणना स्थल ही नहीं पहुंचे। वे सुबह से गायब रहे। उनकी अनपुस्थिति चर्चा का केंद्र बनी रही।
ये हो सकते हैं हार के कारण:
इस चुनाव में भाजपा को स्थानीय संगठन को दरकिनार करना भारी पड़ गया है। पुरा चुनाव प्रदेश संगठन व कुछ स्थानीय नेताओं के बीच तक सीमित हो गया था। स्थानीय संगठन का बड़ा हिस्सा दरकिनार हो गया था। उसका उपयोग शीर्ष नेतृत्व नहीं कर पाया। जिससे स्थानीय समीकरण को समझने व स्थितियों को भांपने में रणनीतिकार असफल साबित हुए।
इस चुनाव में भाजपा को स्थानीय संगठन को दरकिनार करना भारी पड़ गया है। पुरा चुनाव प्रदेश संगठन व कुछ स्थानीय नेताओं के बीच तक सीमित हो गया था। स्थानीय संगठन का बड़ा हिस्सा दरकिनार हो गया था। उसका उपयोग शीर्ष नेतृत्व नहीं कर पाया। जिससे स्थानीय समीकरण को समझने व स्थितियों को भांपने में रणनीतिकार असफल साबित हुए।
16वें राउंड में कांग्रेस को 17187 की लीड :
उल्लेखनीय है, पहले राउंड में भाजपा ने करीब 500 वोट से लीड किया था। उसके बाद जब दूसरा राउंड हुआ, तो पिछड़ते चली गई। फिर किसी भी राउंड में आगे नहीं हो पाई। 13वें राउंड तक कांग्रेस ने 20 हजार से ज्यादा की लीड हासिल कर ली। जिसके बाद से भाजपा खेमे में हडक़ंप मच गया और हार स्वीकार करते हुए प्रतिक्रिया आने लगी। वहीं उत्साहित कांग्रेसियों ने भी बयान देना शुरू कर दिया। कांग्रेस प्रत्याशी नीलांशु चतुर्वेदी ने दावा किया है कि वे 25 हजार से ज्यादा के अंतर से जीत दर्ज करेंगे। वहीं 16वें राउंड में कांग्रेस प्रत्याशी भाजपा से 17187 की बढ़त बनाए हुए हैं।
उल्लेखनीय है, पहले राउंड में भाजपा ने करीब 500 वोट से लीड किया था। उसके बाद जब दूसरा राउंड हुआ, तो पिछड़ते चली गई। फिर किसी भी राउंड में आगे नहीं हो पाई। 13वें राउंड तक कांग्रेस ने 20 हजार से ज्यादा की लीड हासिल कर ली। जिसके बाद से भाजपा खेमे में हडक़ंप मच गया और हार स्वीकार करते हुए प्रतिक्रिया आने लगी। वहीं उत्साहित कांग्रेसियों ने भी बयान देना शुरू कर दिया। कांग्रेस प्रत्याशी नीलांशु चतुर्वेदी ने दावा किया है कि वे 25 हजार से ज्यादा के अंतर से जीत दर्ज करेंगे। वहीं 16वें राउंड में कांग्रेस प्रत्याशी भाजपा से 17187 की बढ़त बनाए हुए हैं।