भोपाल

कम बारिश का असर, एक लाख हेक्टेयर खेतों को सिर्फ एक-दो पानी

– कोटा बैराज से चंबल संभाग में आज छोड़ा जाएगा पानी, लेकिन फुल क्षमता से दीपावली के बाद
– प्रदेश के कई क्षेत्रों में 27 से 30 अक्टूबर के बीच में नहरों से पानी सिंचाई के लिए छोड़ा जाएगा। चंबल संभाग में कोटा बैराज से 27 अक्टूबर को पानी छोड़ा जाएगा

भोपालOct 26, 2021 / 09:45 pm

Ashok gautam

Heavy Rain In Lucknow

भोपाल। प्रदेश के कई जिलों में औसत से कम बारिश होने के कारण एक लाख हेक्टयर में सिंचाई के लिए बांधों से सिर्फ एक-दो पानी ही खेतों को मिल पाएगा। प्रदेश के 5 हजार छोटे बांधों में से 500 से अधिक बांध अपनी फुल क्षमता से 50 फीसदी कम ही भर पाए हैं। इसके चलते इन बाधों से जिन खेतों में सिंचाई होती है वहां नहरों से कम दबाव और कम समय के लिए पानी छोड़ा जाएगा।
प्रदेश के कई क्षेत्रों में 27 से 30 अक्टूबर के बीच में नहरों से पानी सिंचाई के लिए छोड़ा जाएगा। चंबल संभाग में कोटा बैराज से 27 अक्टूबर को पानी छोड़ा जाएगा। इस दौरान भारी बारिश और बाढ़ के चलते जिन नहरों की मरम्मत और निर्माण किया गया है उसकी टेस्टिंग भी की जाएगी। अगर सब कुछ अच्छा रहा तो दीपावली के बाद इंद्रासागर बांध की नहरों में पानी छोड़ा जाएगा।
बाणसागर नहर से रीवा सहित अन्य जिलों में सिंचाई के लिए पानी 15 नवम्बर के बाद छोड़ा जाएगा। बाताया जाता है कि बड़े बांधों से सिंचाई के लिए तीन से चार पानी दिया जाएगा। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दस दिन पहले पूरे प्रदेश में बारिश हुई थी, इससे कई जिलों में खेतों को पलेबा के लिए पानी की जरूरत नहीं है। इन जिलों में सीधे फसलों की सिंचाई के लिए पानी मिलेगा।


प्रदेश में 32 लाख हेक्टेयर सिंचाई का रकबा
प्रदेश में 32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों की सिंचाई बाधों पर आधारित है। इसके अलावा बीस लाख के करीब सिंचाई बोर से की जाती है। इसके साथ ही दस लाख हेक्टेयर से अधिक सिंचाई नदियों, नहरों, तालाब और डेम से सीधे पंप के जरिए की जाती है। नर्मदा सहित आधा दर्जन से अधिक नदियों से सीधे पंपों के जरिए सिंचाई की जाती है। कई जगह किसान सिंचाई के लिए खेतों में बारिश का पानी भर कर भी रखते हैं।
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