
भोपाल में करीब 80 प्रजाति के प्रवासी पक्षी आते हैं। इनमें सारस क्रेन, पेंटेड स्टोर्क, वुल्ली नेक स्टोर्क, ब्रह्मिनी शेल्डक, स्पॉट बिल डक, रिवर लेपविंग, लार्ज कोर्मोरेंट, लिटिल कोर्मोरेंट, पिनटेल, लिटिल ग्रीब, रुफ्फ़, ब्लैक विंग स्टिल्ट, लिटिल रिंग प्लोवर, ग्रे हेरॉन, व्हीट वैगटेल, रिवर टर्न, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, क्रेस्टेड सरपेंट ईगल, ओपन बिल स्टोर्क, कॉमन सैंडपाइपर, ब्रोंज विंग जकाना आदि प्रमुख हैं।

इस बार यह ट्रेंड देखने को मिल रहा है
प्रवासी पक्षी migratory birds शहर में दिसंबर से मार्च के बीच शहर में रहते हैं। खास बात यह है कि पक्षियों की वापसी फरवरी से तापमान बढऩे के साथ धीरे-धीरे शुरू हो जाती है। इस बार हम जो ट्रेंड देख रहे हैं, उसमें पक्षियों ने अभी वापसी शुरू नहीं की है। तापमान बढ़ता है तो फिर गिर जाता है, वहीं बार-बार बादल भी छा रहे हैं, इससे पक्षी भी ठहरे हुए हैं।
- मोहम्मद खालिक, पक्षी विशेषज्ञ
यह पश्चिमी विक्षोभों का असर है
इस बार मौसम weather में बार-बार जो बदलाव देखने को मिल रहा है वो पश्चिमी विक्षोभों के कारण है। इनके कारण बार-बार बर्फबारी हो रही है। उसका असर यह हो रहा है कि मैदानी इलाकों में अभी तक सर्दी पूरी तरह से गई नहीं है। यही कारण है कि इस बार सर्दियों का काल इतना लंबा खिंच गया है। मौसम weather का असर पर्यावरण और सभी जीव-जंतुओं पर भी पडऩा स्वाभाविक है।
- अजय शुक्ला, वरिष्ठ मौसम विज्ञानी

मौसम weather और पर्यावरण में बदलाव का असर सभी पर पड़ता है। प्रवासी पक्षी migratory birds अभी तक यहां रुके हैं तो उसका यही कारण है तापमान उनके अनुकूल है। लेकिन अगर यह बदलाव नियमित होता रहा तो उनके जीवन चक्र भी असर डालेगा। विशेष तौर पर पक्षियों का प्रजनन काल प्रभावित हो सकता है।
- डॉ. विपिन व्यास, एसोसिएट प्रोफेसर, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय