हिलाल कमेटी भोपाल की तरफ से शहर के काजी ने भोपाल में ईद के चांद का ऐलान किया। शहर काजी ने कहा कि चांद की तस्दीक हो गई है, पांच जून को ईद उल फितर का त्योहार मनाया जाएगा।
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भोपाल में ईद को लेकर बाजार में रौनक है। ईद को लेकर लोग कपड़े, सेवईयां और अन्य तरह की ड्राई फ्रूट्स की जमकर खरीददारी कर रहे हैं। रात में भी भोपाल के बाजार गुलजार नजर आ रहे हैं। खासकर बाजार में महिलाओं की भीड़ खूब देखी जा रही है।
भोपाल में ईद को लेकर बाजार में रौनक है। ईद को लेकर लोग कपड़े, सेवईयां और अन्य तरह की ड्राई फ्रूट्स की जमकर खरीददारी कर रहे हैं। रात में भी भोपाल के बाजार गुलजार नजर आ रहे हैं। खासकर बाजार में महिलाओं की भीड़ खूब देखी जा रही है।
सीएम ने दी बधाई
मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर लिधआ है कि ईद पर नागरिकों विशेषकर मुस्लिम धर्मावलम्बियों को बधाई और शुभकामनाएं। इबादत के पवित्र महीने के बाद सब मिलकर खुदा से मानवता के लिए सुख-शांति समृद्धि और इबादत करने वालों को बरक्कत देने की दुआ मांगें। प्रदेश और नागरिक खुशहाल रहे। ईद की खुशी जीवन में हमेशा बनी रहे इसकी मैं कामना करता हूं।
मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर लिधआ है कि ईद पर नागरिकों विशेषकर मुस्लिम धर्मावलम्बियों को बधाई और शुभकामनाएं। इबादत के पवित्र महीने के बाद सब मिलकर खुदा से मानवता के लिए सुख-शांति समृद्धि और इबादत करने वालों को बरक्कत देने की दुआ मांगें। प्रदेश और नागरिक खुशहाल रहे। ईद की खुशी जीवन में हमेशा बनी रहे इसकी मैं कामना करता हूं।
चांद देखने के बाद ही ईद क्यों?
इस्लाम के मुताबिक, दिनों की गणना चांद दिखने के आधार पर की जाती है। रोजाना का चांद दिखने पर ही दिन सुनिश्चित किया जाता है। साथ ही, नया चांद दिखने पर अगला महीना तय माना जाता है। ईद उल फित्र हिजरी कैलेंडर के 10वें माह के पहले दिन मनाई जाती है।
इस्लाम के मुताबिक, दिनों की गणना चांद दिखने के आधार पर की जाती है। रोजाना का चांद दिखने पर ही दिन सुनिश्चित किया जाता है। साथ ही, नया चांद दिखने पर अगला महीना तय माना जाता है। ईद उल फित्र हिजरी कैलेंडर के 10वें माह के पहले दिन मनाई जाती है।
खास पकवान खिलाकर बांटी जाती हैं खुशियां
ईद की नमाज पढ़कर सभी लोग अपने अपने घरों को लौटते हैं। फिर अपने पड़ोसियों (घर के नज़दीक रहने वाले), रिश्तेदारों (परिजन) और मिलने जुलने वालों (परिचित) के घर जाकर या उन्हें अपने घर बुलाकर ईद की मुबारकबाद (बधाई) देते हैं। इस दिन कई तरह के खास पकवान बनाए जाते हैं, जो मिलने जुलने वालों को खिलाकर एक दूसरे के साथ खुशियां मनाई जाती हैं। अल्लाह का आदेश है कि, इस दिन सभी मुसल्मान खुशियां मनाएं।
ईद की नमाज पढ़कर सभी लोग अपने अपने घरों को लौटते हैं। फिर अपने पड़ोसियों (घर के नज़दीक रहने वाले), रिश्तेदारों (परिजन) और मिलने जुलने वालों (परिचित) के घर जाकर या उन्हें अपने घर बुलाकर ईद की मुबारकबाद (बधाई) देते हैं। इस दिन कई तरह के खास पकवान बनाए जाते हैं, जो मिलने जुलने वालों को खिलाकर एक दूसरे के साथ खुशियां मनाई जाती हैं। अल्लाह का आदेश है कि, इस दिन सभी मुसल्मान खुशियां मनाएं।