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दिलचस्प किस्सा: जब हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री ने दहेज में मांग लिया पूरा पाकिस्तान

locationभोपालPublished: Aug 16, 2021 04:46:31 pm

Submitted by:

Manish Gite

Atal Bihari Vajpayee: पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन के वो किस्से, जिसकी आज भी चर्चा होती है…।

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Atal Bihari Vajpayee- जब अटल बिहारी वाजपेयी पाकिस्तान गए थे, तो वहां एक महिला पत्रकार ने पूछ लिया था ऐसा सवाल।

 

भोपाल। भारत रत्न अटल बिहारी प्रखर वक्ता तो थे ही, उनकी हाजिर जवाबी भी किसी से कम नहीं थी। किसी भी बात का इतना बेबाकी से जवाब देते थे कि पूछने वाला शख्स भी अवाक रह जाता था। ऐसा ही एक किस्सा पाकिस्तान में बन गया था, जब एक महिला पत्रकार ने अटलजी के सामने भरी सभा में शादी का प्रस्ताव रख दिया था।

 

patrika.com भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्य तिथि के मौके पर बता रहा है उनसे जु़ड़े दिलचस्प किस्से…।

 

जब दहेज में मांगा पाकिस्तान

बात 16 मार्च 1999 की है, जब प्रधानमंत्री रहते हुए अटलजी ने पाकिस्तान के साथ मधुर संबंध बनाने की पहल की थी। दोनों देशों के बीच बस अमृतसर से लाहौर के बीच बस सेवा शुरू की गई थी। इसी बस में वे खुद बैठकर लाहौर तक गए थे। वहां उनका जोरदार स्वागत हुआ। जब वहां के गवर्नर हाउस में भाषण दे रहे थे, तब पाकिस्तान की एक महिला पत्रकार के सवाल पर वहां सन्नाटा छा गया। महिला पत्रकार ने अचानक पूछ लिया था कि अब तक आपने शादी क्यों नहीं की। मैं आपसे शादी करना चाहती हूं, लेकिन एक शर्त है कि आप मुंह दिखाई में मुझे कश्मीर देंगे। इसके बाद अटलजी को हंसी आ गई। बेबाकी और हाजिर जवाबी के लिए मशहूर अटलजी ने पलटकर कहा कि मैं भी शादी के लिए तैयार हूं, लेकिन मेरी भी एक शर्त है, मुझे दहेज में पूरा पाकिस्तान चाहिए। अटलजी के इस हाजिर जवाबी से वहां पूरा हॉल ठहाकों से गूंज उठा था। इस किस्से की आज भी चर्चा कर लोग ठहाका लगाया करते है।

 

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शादी से ज्यादा जरूरी समाचार पत्र

अटलजी एक अच्छे पत्रकार भी थे। अटलजी स्वदेश अखबार में लखनऊ के संपादक भी हुआ करते थे। उन्हीं दिनों में कानपुर में उनकी बहन का विवाह होने वाला था। तैयारी चल रही थी। तभी नानाजी देशमुख अटलजी ने अटलजी से कहा था कि तुम्हारी बहन की शादी है और तुम यहां हो, जरूर आइएगा। अटलजी ने कहा कि विवाह से ज्यादा जरूरी तो समाचार पत्र है। शादी तो मेरे बगैर जाए भी हो जाएगी। इसके बाद नानाजी देशमुख चुपचाप कानपुर चले गए। वहां पहले से मौजूद दीनदयाल उपाध्याय को यह बात कही। यह बात सुनकर उपाध्याय तुरंत कार में बैठे और लखनऊ पहुंच गए और अटलजी से बोले- यह जो गाड़ी खड़ी है, उसमें तत्काल बैठ जाओ। अटलजी ने पूछा कि क्या हुआ, तो उपाध्याय बोले- जाओ बहन के विवाह कार्यक्रम में पहुंचे और मुझे कोई तर्क मत देना। इसके बाद अटलजी अपनी बहन की शादी में पहुंच गए थे।
https://youtu.be/uVDguJ7O9mg
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पार्टी की हार के बावजूद देखने गए फिल्म

अटलजी को फिल्मों का बहुत शौक था। इसी से जुड़ा यह किस्सा है। एक बार दिल्ली में उपचुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। लालकृष्ण आडवाणी इस हार से विचलित थे। अटलजी भी शांत बैठे थे। अचानक अटलजी उठे और आडवाणीजी से बोले, चलों फिल्म देखने चलते है। इस पर आडवाणी ने कहा कि यहां पार्टी की हार हो गई और आप फिल्म देखने को कह रहे हैं। अटलजी बोले हार-जीत तो चलती रहती है, हार को खुद पर हावी नहीं होने देना चाहिए। इसके बाद दोनों फिल्म देखने गए और दिल्ली के पहाड़गंज स्थित एक थिएटर में राजकपूर की फिल्म देखी।

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https://youtu.be/La-_CKgWauU
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