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बिजली आपूर्ति बेहतर करने का दावा, फिर 77 करोड़ रुपए खर्च की योजना

locationभोपालPublished: Sep 17, 2021 07:40:37 pm

भोपाल. भोपाल क्षेत्र समेत कंपनी के अन्य जिलों में बिजली आपूर्ति बेहतर करने के दावे के साथ बिजली कंपनी ने 77 करोड़ रुपए की बड़ी राशि खर्च करने की योजना तैयार की है। इससे ब्रेकडाउन कम होने और बिजली अधोसंरचनाओं की क्षमतावृद्धि होने की बात कही जा रही है।

बिजली आपूर्ति बेहतर करने का दावा, फिर 77 करोड़ रुपए खर्च की योजना

बिजली आपूर्ति बेहतर करने का दावा, फिर 77 करोड़ रुपए खर्च की योजना

भोपाल. भोपाल क्षेत्र समेत कंपनी के अन्य जिलों में बिजली आपूर्ति बेहतर करने के दावे के साथ बिजली कंपनी ने 77 करोड़ रुपए की बड़ी राशि खर्च करने की योजना तैयार की है। इससे ब्रेकडाउन कम होने और बिजली अधोसंरचनाओं की क्षमतावृद्धि होने की बात कही जा रही है। बीते दस साल में इसी तरह की दो अन्य बड़ी योजनाओं में अब भोपाल में ही अब तक 500 करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च की जा चुकी है। योजना के पहले चरण में अधोसंरचना मजबूती के लिए 13 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। इनमें से वितरण ट्रांसफ ार्मरों के लिए 4 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। दूसरे चरण में 60 करोड़ रुपए के काम होंगे।
बिजली अधोसंरचना मजबूत करने 2009 में आरएपीडीआरपी योजना के तहत 250 करोड़ रुपए के काम हुए। इसमें भी लाइनों को विस्तारित करने के साथ ही नए सब स्टेशन, नए ट्रांसफॉर्मर और अन्य काम किए गए। कंपनी क्षेत्र में इसके तहत 2000 करोड़ रुपए के काम हुए। इसमें खर्च राशि का बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार ने दिया। करीब सात साल तक इसके तहत काम चलता रहा। 2016 में आईपीडीएस योजना शुरू हुई। इसके तहत भोपाल में 160 करोड़ रुपए के काम तय हुए। इसमें पहली योजना के बचे हुए कामों को पूरा करने का दावा किया गया। अब फिर नई योजना पर काम शुरू हुआ है।
नई योजना में ये दावे
– नए विद्युत उपकेन्द्र व मौजूदा उपकेन्द्रों की क्षमता वृद्धि होगी
– बिजली लाइनों का विस्तार होगा
– नए वितरण ट्रांसफ ार्मर लगाएं जाएंगे

अभी की स्थिति
– बिजली बिलों की गड़बड़ नहीं रूक रही। शिकायतें सबसे अधिक इससे जुड़ी हुई ही है।
– उपभोक्ताओं की शिकायतों को दर्ज करने केंद्रीय कृत सिस्टम फैल हो चुका है। जोन स्तर पर फिर से पुराना सिस्टम लागू करने की बात हो रही है।
– मीटर रीडिंग व बिलिंग सॉफ्टवेयर पर निजी एजेंसी को करोड़ों रुपए दिए गए और फिर से कंपनी अपने पुराने सॉफ्टवेयर पर आ गई।
– बिजली कंपनी अब पूरी तरह से आउटसोर्स एजेंसियों के सुपूर्द हो गई है। मूल कर्मचारियों की संख्या बेहद कम है और इसमें लगातार कमी आ रही।
– मीटर लगातार खराब हो रहे, उपभोक्ता परेशान है।
– बिजली ट्रांसफार्मर, जंफर व अन्य उपकरण बेहद जल्दी खराब हो रहे, कई घंटों तक उपभोक्ताओं को अंधेरे में रहना पड़ रहा है।
कोट्स
कंपनी क्षेत्र में अधोसंरचना मजबूती का काम लगातार जारी है। योजनाओं के तहत काम किया जाएगा। पहले की अपेक्षा काफी बेहतर स्थिति है।
– जीएस मिश्रा, एमडी मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी

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