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बड़ी खबरः चुनाव से पहले बीजेपी ने खेला मास्टर स्ट्रोक, कांग्रेस में मची हलचल

locationभोपालPublished: Aug 02, 2018 03:26:59 pm

Submitted by:

Manish Gite

बड़ी खबरः चुनाव से पहले बीजेपी ने खेला मास्टर स्ट्रोक, कांग्रेस में मची हलचल

shivraj singh chauhan

बड़ी खबरः चुनाव से पहले बीजेपी ने खेला मास्टर स्ट्रोक, कांग्रेस में मची हलचल

 

भोपाल। मध्यप्रदेश में एकतरफ भाजपा के खिलाफ कांग्रेस अन्य दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, वहीं बीजेपी सरकार ने इसे देखते हुए बिजली बिल माफ करने का ट्रंप कार्ड खेल दिया है। इससे कांग्रेस खेमे में हलचल तेज हो गई है। इसकी रिपोर्ट आलाकमान तक पहुंच गई है।


मध्यप्रदेश में धुंआधार जनआशीर्वाद रैली निकाल रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बिजली बिल माफ करने की घोषणा को मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। राजनीतिक जानकार यह भी कह रहे हैं कि बिजली बिल माफ करके शिवराज ने कांग्रेस की रणनीति की हवा निकाल दी है।

 

कांग्रेस में मच गई खलबली
शिवराज के इस राजनीतिक खेल के बाद कांग्रेस में अंदर-ही-अंदर खलबली मच गई है। कांग्रेस आलाकमान तक इसकी ग्राउंड रिपोर्ट पहुंची, बैठकों का दौर तेज हो गया।
-शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री संबल योजना, जिसमें प्रदेश के पौने दो करोड़ बीपीएल और असंगठित मजदूर परिवारों के साढ़े पांच हजार करोड़ के बकाया बिल माफ कर दिए। इसके साथ ही उनके लिए हर माह 200 रुपए न्यूनतम बिल सीमा तय कर दी।

 

एक झटके में बढ़ा शिवराज का ग्राफ
राजनीतिक जानकारों की माने तो शिवराज ने बिजली बिल माफी की जो दरियादिली दिखाई है उसने
एक झटके में ग्राफ बढ़ा दिया है।
क्योंकि कांग्रेस की आक्रामक रणनीति के कारण शिवराज का राजनीतिक ग्राफ कम होता नजर आ रहा था। इसी का कारण है कि शिवराज की जनआशीर्वाद यात्रा में भीड़ बढ़ती नजर आ रही है।

 

क्या था ट्रंप कार्ड
-शिवराज सिंह की सरकार 175 लाख करोड़ से भी अधिक के कर्ज में डूबी है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश के पौने दो करोड़ गरीब परिवारों का बिजली माफ कर दिया।
-एक हजार वॉट से कम बिजली की खपत वाले इन परिवारों को अब हर माह सिर्फ 200 रुपए ही बिजली का बिल देना है।
-इसके अलावा असंगठित मजदूर श्रेणी में पंजीबद्ध हुए लोगों को भी इसका लाभ मिलने लगा है।

फंस सकता है तकनीकी पेंच
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक हालांकि विद्युत वितरण कंपनी को सब्सिडी देनी होगी। दो सौ रुपए के बिल पर चार सौ रुपए माफी है, उसकी भरपाई सरकार करेगी। -साढ़े 5 हजार करोड़ की माफी हुई राशि में से ढाई हजार करोड़ का भुगतान सरकार को करना पड़ेगा। इसलिए 2003 के एक एक्ट में इतनी बड़ी रकम का यह पेंच फंस सकता है।

-मध्यप्रदेश के पांच करोड़ से अधिक मतदाता हैं। इनमें से करीब दो करोड़ मतदाताओं जिनमें सवर्ण गरीब, मजदूर, आदिवासी, दलित आदि को साधने की कोशिश की गई है।
-इसके अलावा असंगठित मजदूरों को बिजली बिल माफी के साथ ही 12 अन्य योजनाओं का भी लाभ दिया जा रहा है।

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