जांच में केंसल हुए 6 विज्ञापन
आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा एक अंग्रेजी अखबार को दिये साक्षात्कार में बताया गया है कि, कांग्रेस की ओर से करीब 9 विज्ञापनों को टीवी और सोशल मीडिया पर प्रसारित करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी,जिसकी जांच करने पर उन विज्ञापनों में कई आपत्तियां सामने आईं, जिसे गंभीरता से लेते हुए उनमें से 6 विज्ञापनों को अनुमति नहीं दी गई। हालांकि, अन्य 3 विज्ञापनों को आयोग द्वारा अनुमति मिल गई है।
इस वजह से नहीं दी गई विज्ञापनो को अनुमति
चुनाव आयोग की ओर से अनुमति ना दिये जाने वाले विज्ञापनों के बारे में बताते हुए कहा कि, इनमें एक विज्ञापन राफेल डील से जुड़ा हुआ था, इसलिए उसके द्वारा प्रचार करने पर रोक लगाई गई है, क्योंकि इससे जुड़ा मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इसलिए इसे चुनाव प्रचार में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इसके अलावा एक अन्य विज्ञापन दिव्यांग लोगों पर आधारित है, जिससे गलत इंपेक्ट पड़ने खतरा है, इसलिए उसपर भी रोक लगाई गई है। ऐसे ही, अनुमति ना दिये जाने वाले अन्य विज्ञापनो से भी आयोग को चुनावी सुगमता में बिगाड़ आने के अंदेशे के कारण उन्हें प्रसारित करने की अनुमति नहीं दी गई।
विज्ञापनो पर कांग्रेस करेगी अपील
हालांकि, मध्य प्रदेश चुनाव आयोग की ओर से ये भी कहा गया है कि, अगर आदेश से किसी दल को आपत्ति है, तो वो अपील करके इसपर मंथन कर सकता है। इसपर प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल की प्रभारी शोभा ओझा का कहना है कि, ‘हम विज्ञापनों पर चुनाव आयोग द्वारा जताई गई आपत्ति के खिलाफ अपील करेंगे। ताकि, स्पष्ट हो सके कि, अनुमति ना दिये जाने वाले विज्ञापनो में ऐसा क्या दिखाया गया है, जिससे भ्रम की स्थिति बनेगी।’