राजगढ़ एसपी सिमाला प्रसाद को हटाने के बाद भारत निर्वाचन आयोग को इन अधिकारियों के संबंध में भी रिपोर्ट भेज भी दी गई है, इनके स्थानांतरण के आदेश आयोग की बेंच आने से पहले जारी हो सकता है।
वहीं सतना कलेक्टर मुकेश शुक्ला के संबंध में बार-बार शिकायतें आयोग के पास आ रही हैं कि वह भाजपा के पक्ष में काम कर रहे हैं और सीएम के जन आशीर्वाद यात्रा में भी वह शामिल हुए थे।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में अब शिकायतों की गति और बढ़ गई है। आयोग में हर दिन सौ से अधिक शिकायतें आ रही हैं। अधिकारियों की ज्यादातर शिकायतें राजनैतिक दलों के साथ भेद भाव से जुड़ी हुई हैं। राजनैतिक दल यह शिकायतें कर रहे हैं कि नेताओं के रिश्तेदार अधिकारी भाजपा के पक्ष में काम कर रहे हैं।
भोपाल में ही दो शिकायतें ऐसे आई हैं, जिसमें आप पार्टी ने यह शिकयात की है कि होर्डिंग की अनुमति के बाद भी उनकी होर्डिंग अधिकारियों ने हटा दी है। चुनाव की घोषणा से पहले करीब दो हजार शिकायतें आई थी, जिसमें ज्यादातर शिकायतें अधिकारियों के तीन साल तक एक ही स्थान पर पदस्थ होने, आरएसएस तथा राजनैतिक दलों से जुड़े होने के संबंध में शिकायतें आई थी, जिसके संबंध में जीएडी को उचित कार्रवाई के लिए भेजी गईं थी। जीएडी ने ज्यादातर मामलों में खात्मा लगा दिया है।
मतदाता सूची में गड़बड़ी की अभी भी शिकायतें मतदाता सूची में गड़बड़ी की अभी भी शिकायतें आ रही हैं। सबसे ज्यादा मतदाता सूची में गड़बडिय़ों की शिकायतें भोपाल के नरेला विधानसभा की हैं। प्रदेश में चुनाव से जुड़ी शिकायतों की शुरूआत मतदाता सूची में गड़बडिय़ों को लेकर की गई थी, लेकिन आयोग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था।
यह शिकायतें आयोग में लंबित
— कमिश्नर ग्वालियर संभाग, बीएम शर्मा- इनकी शिकायत कांग्रेस ने की है। कांग्रेस का कहना है कि वे भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। इसके अलावा वे ग्वालियर के ही रहने वाले हंै। यहां पर पहले भी विभिन्न पदों पर रह चुके हैं। उन्हें यहां से हटाया जाए, निष्पक्ष तरीके से मतदान हो सके।
–कलेक्टर उमरिया, माल सिंह भयडिय़ा – इसकी शिकायत कांग्रेस के नेताओं ने की है। इनका कहना है कि यह भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। साथ ही एक वर्ग विशेष को संरक्षण देते हैं। इनके वहां रहने से कांग्रेस का वोट बैंक प्रभावित होगा, इन्हें यहां से हटाया जाए।
— एसपी शहडोल, कुमार सौरभ -इसकी शिकायत भाजपा ने की है। भाजपा के नेताओं का कहना है कि यह वह एक वर्ग विशेष के लिए काम करते हैं। भारत बंद के दौरान लोगों पर लाठी चार्ज कर इन्होंने पार्टी के जनाधार को कमजोर करने की कोशिश की है। निष्पक्ष